Operation Sindoor: भारत के करारे जवाब से पाकिस्तान में मची थी खलबली, नौसेना ने दुबक कर बचाए अपने युद्धपोत
1971 के युद्ध में कराची नौसैनिक अड्डे पर भारत के कहर का खौफ पाकिस्तान 50 साल बाद भी नहीं भूला है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना के रौद्र रूप को देखकर पाकिस्तानी नौसेना दुबक गई और अपने युद्धपोतों को छिपा दिया। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि कैसे पाकिस्तान ने अपने युद्धपोतों को कराची से हटाकर कमर्शियल टर्मिनलों और ग्वादर की ओर भेज दिया।

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत ने 1971 के युद्ध में कराची नौसेनैनिक अड्डे पर इस कदर कहर बरपाया था, इसका खौफ 50 साल बाद भी भूला नहीं है। यही कारण है कि जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अपना रौद्र रुप दिखाया और तो पाकिस्तानी नौसेना दुबक कर बैठ गई और अपने प्रमुख युद्धतोतों को छिपा दिया।
अब तक पाकिस्तान लगातार कहता रहा है कि उसने भारत को करारा जवाब दिया है, लेकिन सेटेलाइट तस्वीरों ने उसकी पोल खोलकर रख दी है।
पाकिस्तान ने कोशिश की कि यह सच सामने न आए, लेकिन सेटेलाइट तस्वीरें प्रमाणित करते हैं कि मई में भारत के आपरेशन ¨सदूर के दौरान पाकिस्तानी नौसेना ने न सिर्फ कराची से अपने युद्धपोत हटा लिए, बल्कि उन्हें या तो कमर्शियल टर्मिनलों में शिफ्ट कर दिया या फिर ईरान सीमा के निकट पश्चिमी बंदरगाह ग्वादर की तरफ भेज दिया था।
छह और सात मई की मध्य रात्रि को भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी नेतृत्व ने कड़ी जवाबी कार्रवाई की बात कही, लेकिन कराची और ग्वादर बंदरगाहों की उपग्रह तस्वीरों से आपरेशन ¨सदूर के दौरान पाकिस्तान की नौसेना की रक्षात्मक स्थिति का पता चलता है।
कराची नौसैनिक अड्डे से गायब थे पाकिस्तान के सभी मुख्य युद्धपोत
इंडिया टूडे द्वारा विश्लेषण किए गए उपग्रह चित्रों के अनुसार आपरेशन ¨सदूर के दौरान कराची नौसैनिक अड्डे से पाकिस्तान के सभी मुख्य युद्धपोत गायब थे। युद्धपोत कराची के कमर्शियल कार्गो पोर्ट में दिखाई दिए। इस बीच, अन्य युद्धपोत भारत की ओर पूर्व की ओर जाने के बजाय, ईरानी सीमा से बमुश्किल 100 किलोमीटर दूर, अपने पश्चिमी बंदरगाह ग्वादर में शरण लेते दिखाई दिए।
भारत की जवाबी कार्रवाई से घबरा गया था पाकिस्तान
तस्वीरों से पता चलता है कि भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान घबरा गया था। पाकिस्तान को आशंका थी कि अगर युद्ध बढ़ता है तो भारतीय नौसेना कराची पोर्ट को पूरी तरह से तबाह कर देगी। भारत ने अरब सागर को पूरी तरह से ब्लाक कर दिया था।
हालांकि भारतीय नैसेना ने हमला नहीं किया।आठ मई की उपग्रह इमेजरी के अनुसार, कराची का नौसैनिक अड्डा असामान्य रूप से खाली था, जबकि युद्धपोत वाणिज्यिक कार्गो टर्मिनलों पर खड़े थे। हालांकि आंशिक रूप से बादलों से ढके होने के बावजूद, इमेजरी में वाणिज्यिक बंदरगाहों और कंटेनर टर्मिनल के पास कम से कम चार पीएन युद्धपोत दिखाई दिए।
कम से कम तीन जहाज - जिनमें पीएनएस आलमगीर, एक बाबर-श्रेणी का कोरवेट और एक गश्ती पोत (ओपीवी) शामिल हैं - वाणिज्यिक बंदरगाह पर खड़े देखे गए। पोत मालवाहक जहाज से कुछ ही मीटर की दूरी पर खड़े थे, जहां लोडिंग/अनलोडिंग हो रही थी और चारों ओर कंटेनर बिखरे हुए थे। एक और नौसेना का फ्रिगेट नौसैनिक डाकयार्ड के बजाय कंटेनर टर्मिनल पर देखा जा सकता था।
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