मुठभेड़ के दौरान हेलमेट और बुलेट प्रूफ जैकेट में नजर आए नक्सली, सुरक्षा बलों ने आठ को लगाया ठिकाने
करीब तीस घंटे तक सुकमा के जंगलों में चले इस ऑपरेशन के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इस दौरान ग्रामीणों को नक्सलियों ने अपनी ढ़ाल बना रखा था।
रायपुर, जेएनएन। बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ शुरू की गई बड़ी मुहिम ऑपरेशन प्रहार के दूसरे दिन सुरक्षा बलों ने सुकमा के अंदरूनी इलाकों तक अपनी पहुंच बनाई। यहां नक्सलियों के एक बड़े दल के साथ मुठभेड़ के दौरान दोनों से काफी देर तक गोली-बारी होती रही। सुरक्षा बलों का दावा है कि इस घटना में कम से कम आठ नक्सली मारे गए हैं, लेकिन घटना स्थल से उनके शव बरामद नहीं हो पाए हैं। बताया जा रहा है कि घटना स्थल पर नक्सलियों की टुकड़ी में कुछ नक्सली ऐसे भी थे, जिन्होंने बुलेट प्रुफ जैकेट और हेलमेट पहने हुए थे। यह नक्सली मारे गए अपने साथियों के शवों को उठाने का काम कर रहे थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों को बुलेटप्रुफ जैकेट और हेलमेट में देखा गया है।
ग्रामीणों को नक्सलियों ने बनाया ढ़ाल
करीब तीस घंटे तक सुकमा के जंगलों में चले इस ऑपरेशन के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इस दौरान ग्रामीणों को नक्सलियों ने अपनी ढ़ाल बना रखा था और दूसरी ओर से लगातार फायरिंग कर रहे थे। जवानों ने इस दौरान पूरी सूझबूझ व हिम्मत के साथ लड़ाई लड़ी। इस मुठभेड़ के पहले ही यह सुनिश्चित कर लिया गया था कि किसी ग्रामीण को कुछ न हो। जवानों ने पूरी जवाबदारी के साथ ग्रामीणों को बिना किसी नुकसान के नक्सलियों को निशाना बनाया। बताया जा रहा है कि सुकमा जिले के कसालपाड़ के जंगलों में करीब ढ़ाई घंटे तक मुठभेड़ चली और इस दौरान नक्सलियों ने जवानों पर 650 एचई दागे। नक्सलियों ने यहां एंबूश लगा रखा था, फिर भी जवानों ने इसे तोड़ते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मुठभेड़ के बाद जिला मुख्यालय सुकमा में एक प्रेसवार्ता आयोजित की गई जिसमें नक्सल ऑपरेशन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने दावा किया कि इस मुठभेड़ में कम से कम आठ नक्सली मारे गए हैं। प्रेस वार्ता के दौरान एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी भी मौजूद थे।
ऑपरेशन प्रहार में एसटीएफ व डीआरजी के जवान शामिल
बता दें कि बस्तर में ऑपरेशन प्रहार के तरह इस साल का पहला नक्सल विरोधी अभयान बुधवार से शुरू किया गया है। अभियान के पहले दिन सुरक्षा बलों ने सुकमा और नारायणपुर जिले के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान दो नक्सलियों को मार गिराया था। तेलंगाना की सीमा से लेकर महाराष्ट्र की सीमा तक एक साथ चलाए जा रहे इस अभियान में एसटीएफ व डीआरजी के लगभग 1400 जवान और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के 450 जवान शामिल हैं। जवान रोजाना पैदल चलते हुए जंगलों में 50 किलोमीटर तक का सफर तय कर रहे हैं और नक्सलियों के प्रभाव वाले भीतरी इलाकों से उन्हें खदेड़ रहे हैं।