Operation Kaveri: सूडान से लौटे भारतीय बोले- वहां अब भी जारी है लड़ाई, घर वापसी चमत्कार जैसा
सूडान से घर लौटे भारतीयों ने कहा कि सूडान में अब भी संघर्ष जारी है। घर वापसी एक चमत्कार है। सूडान में आयल कंपनी में काम करने वाले केरल निवासी बिजी अलापत ने कहा कि हम ईश्वर की विशेष कृपा से अपने घर पहुंच गए हैं। Photo- AP

कोच्चि, पीटीआई। सूडान में सत्ता के लिए सैन्य बलों के बीच छिड़ा हिंसक संघर्ष एक नाजुक मोड़ पर पहुंच गया है। संघर्षग्रस्त सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच 72 घंटे का संघर्ष विराम गुरुवार आधी रात को समाप्त हो रहा है। इस बीच, सूडान से वाया जेद्दा घर लौटे भारतीयों ने राहत की सांस ली है।
लोगों ने कहा- घर वापसी चमत्कार जैसा
उन्होंने कहा कि सूडान में अब भी संघर्ष जारी है। घर वापसी एक चमत्कार है। सूडान में आयल कंपनी में काम करने वाले केरल निवासी बिजी अलापत ने कहा कि हम ईश्वर की विशेष कृपा से अपने घर पहुंच गए हैं। सूडान की राजधानी खारतूम से संघर्ष देश के अन्य भागों तक पहुंच गया है। काकानड निवासी बिजी उन लोगों में से हैं जो पहले जत्थे के रूप में गुरुवार सुबह अपने घर पहुंच गए हैं।
सूडान में करीब सात हजार भारतीय
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सूडान में बीते वर्षों में जीवन शांतिपूर्ण था और हमने बिल्कुल नहीं सोचा था कि दो सैन्य बलों में इस तरह संघर्ष छिड़ जाएगा। अलापत ने कहा कि कम से कम छह-सात हजार भारतीय सूडान में रहते हैं। बड़ी संख्या में भारतीय बस द्वारा खारतूम से अन्य स्थानों पर चले गए हैं।
'घर वापसी की छोड़ दी थी उम्मीद'
इसी तरह तमिलनाडु निवासी दिव्या राजशेखरन कहती हैं, हमने सूडान में संघर्ष के चलते पैसा और मूल्यान वस्तुएं सब गंवा दिया। कहा, हमने सूडान से लौटने की सारी उम्मीदें खो दी थीं। हमारे पास एक जोड़ी ड्रेस और पासपोर्ट के अलावा कुछ नहीं था। उन्होंने सूडान से निकालने के लिए भारत सरकार को धन्यावा दिया।
युद्धविराम बढ़ाने पर सेना सहमत खारतूम
सूडान की सेना एक बार फिर से 72 घंटे के लिए युद्धविराम बढ़ाने पर सहमत हो गई है। सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच मध्यस्थता कर रहे अमेरिका और सऊदी अरब के प्रयासों से यह सहमति बनी है। यह युद्धविराम मौजूदा संघर्षविराम समाप्त होने के बाद लागू होगा। एपी के अनुसार, गुरुवार को भी दारफुर प्रांत में संघर्ष जारी रहा, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं। हजारों सूडानी अपने देश की जमीनी सीमा के जरिये मिस्त्र, चाड और इथियोपिया का रुख कर रहे हैं।
बता दें कि 15 अप्रैल को शुरू हुए संघर्ष के बाद से अब तक पांच सौ से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और करीब 4200 लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसी का अनुमान है कि करीब 2.70 लाख लोग सुरक्षा की चाह में देश छोड़ चुके हैं।
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