Operation Kaveri: सूडान में फंसे हर नागरिक को स्वदेश लाने की तैयारी, 3400 भारतीयों ने दूतावास से साधा संपर्क
आपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को राजधानी खार्तूम से पहले सड़क मार्ग से पोर्ट सूडान लाया जा रहा है और फिर वहां से सऊदी अरब के शहर जेद्दाह लाया जाने की व्यवस्था है। पोर्ट सूडान में भारतीय मिशन की तरफ से पूरी व्यवस्था है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सूडान में भारतीयों को निकालने के लिए शुरु किया गया आपरेशन कावेरी की प्रक्रिया जारी है, लेकिन वहां की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। भारत सरकार वहां से एक-एक भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार दूसरे देशों के विदेश मंत्रियों के साथ संपर्क में है ताकि सब कुछ कुशलपूर्वक हो जाए। जबकि विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन जेद्दा से सारा काम काज देख रहे हैं। यह बात विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने दी।
सूडान से भारतीयों को बाहर निकलने की प्रक्रिया जारी
आपरेशन कावेरी को पूरा होने में अभी कुछ दिनों का समय लगेगा। गुरुवार दोपहर में विदेश सचिव ने बताया कि तकरीबन दो हजार भारतीयों को सूडान से बाहर निकालने की प्रक्रिया जारी है। इसमें वो लोग शामिल है, जो राजधानी खार्तूम से सूडान बंदरगाह की तरफ रवाना हो चुके हैं या जो किसी ना किसी तरह से जेद्दाह पहुंच चुके हैं।
सी17 जहाज से 246 भारतीय मुंबई पहुंचे
गुरुवार दोपहर में भारतीय वायु सेना के जहाज सी17 से 246 भारतीय नागरिकों को मुंबई पहुंचाया गया है। बुधवार को एक चार्टर्ड जहाज से 360 भारतीय दिल्ली पहुंचे थे। शुक्रवार को भारतीय वायु सेना का एक और जहाज के सूडान से निकाले गये भारतीयों के साथ हिंडन एयरपोर्ट (गाजियाबाद) पहुंचने की संभावना है।
आपरेशन कावेरी के तहत भारतीयों को राजधानी खार्तूम से पहले सड़क मार्ग से पोर्ट सूडान लाया जा रहा है और फिर वहां से सऊदी अरब के शहर जेद्दाह लाया जाने की व्यवस्था है। पोर्ट सूडान में भारतीय मिशन की तरफ से पूरी व्यवस्था है, ताकि सारी कागजी कार्रवाई जल्द से पूरी हो।
3400 भारतीयों ने दूतावास से साधा संपर्क
पोर्ट सूडान व जेद्दा में विशेष कंट्रोल रूप बनाये गये हैं। ज्यादातर भारतीय राजधानी खार्तूम में हैं और वहां पर सबसे ज्यादा हिंसा की घटनाएं हो रही हैं। तकरीबन 3400 भारतीयों ने भारतीय दूतावास से संपर्क साधा है कि वो वहां से निकलना चाहते हैं।
क्वात्रा ने बताया कि भारत सूडान दोनों विरोधी गुटों के साथ भी संपर्क में है, ताकि भारतीयों को निकालने में सहूलियत हो। इन गुटों की तरफ से मदद का आश्वासन दिया गया है। ये दो गुट हैं सूडानिज आर्म्ड फोर्सेस और रैपिड सपोर्ट फोर्सेस। दोनों के साथ भारत के अच्छे संबंध है।
खार्तूम की स्थिति ज्यादा चिंताजनक
सूडान को भारत जो मदद देता रहा है इसका सभी आदर करते हैं। खार्तूम की स्थिति ज्यादा चिंताजनक है। खार्तूम से पोर्ट सूडान के बीच 850 किलोमीटर की दूरी है और इसकी यात्रा करने में 10 से 12 घंटे का समय लगता है, लेकिन वहां डीजल चालित वाहनों की भारी कमी है। इस वजह से भी भारतीयों को सड़क मार्ग से बंदरगाह तक निकालने में दिक्कत हो रही है। भारतीय नौ सेना के तीन जहाज पोर्ट स्पेन में तैनात किये गये हैं।
क्वात्रा ने बताया कि सूडान में भारतीय मूल के एक हजार नागरिक हैं और अगर उनकी तरफ से बाहर निकाले जाने का आग्रह आता है तो इस पर विचार किया जाएगा। उन्होंने सऊदी अरब को खास तौर पर धन्यवाद दिया जिसकी तरफ भारतीयों को बाहर ले जाने की पूरी मदद पहुंचायी जा रही है।
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