हिम्मत है तो मोदी कश्मीर में वोट मांगकर दिखाएं : उमर अब्दुल्ला
बढ़ते चुनावी पारे के बीच कांग्रेस के बाद अब संप्रग सहयोगी फारूक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला ने भी भाजपा और नरेंद्र मोदी को ही अपनी लड़ाई का केंद्र बना लि ...और पढ़ें

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बढ़ते चुनावी पारे के बीच कांग्रेस के बाद अब संप्रग सहयोगी फारूक अब्दुल्ला व उमर अब्दुल्ला ने भी भाजपा और नरेंद्र मोदी को ही अपनी लड़ाई का केंद्र बना लिया है। धर्मनिरपेक्षता को लेकर मोदी और अब्दुल्ला परिवार के बीच नया चुनावी घमासान शुरू हो गया है। शुरुआत फारूक अब्दुल्ला ने मोदी को वोट देने वालों को समुद्र में डूबने की सलाह देकर की थी। जवाब में पहले अरुण जेटली और बाद में खुद मोदी ने अब्दुल्ला परिवार को कश्मीरी पंडितों के घाटी से सफाये के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आइना देखने की सलाह दे दी। हालांकि दूसरे दिन तक फारूक के सुर थोड़े नरम पड़ गए, लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर ने मोदी को घाटी में आकर वोट मांगने की चुनौती देकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि घाटी में वह कम से कम अपने विरोधी पीडीपी से ज्यादा मुखर दिखें।
घाटी की लड़ाई में इस बार नेशनल कांफ्रेंस को पीडीपी से कड़ी टक्कर मिल रही है। शायद यह भी कारण है कि मोदी अब तक चुनाव प्रचार के लिए कश्मीर तो नहीं गए हैं लेकिन श्रीनगर से चुनाव लड़े रहे फारूक ने मोदी को अपना मुद्दा बना लिया। रविवार को उन्होंने कहा था कि जो मोदी को वोट देते हैं उन्हें समुद्र में डूब जाना चाहिए। वह यहां तक बोल गए थे कि अगर केंद्र में सांप्रदायिक तत्व आए तो कश्मीर भारत क हिस्सा नहीं रहेगा। सोमवार तक हालांकि उनके सुर थोड़े बदले हुए थे और वह खुद को धारा 370 और समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर समेटे रहे, लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उनकी राजनीतिक विरासत पर सवाल खड़ा कर दिया।
अहमदाबाद से ही करारा जवाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि कश्मीर में सांप्रदायिकता का जहर घोलने वाले अब्दुल्ला परिवार को धर्मनिरपेक्षता की बातें नहीं करनी चाहिए। भारत धर्मनिरपेक्ष इसलिए नहीं है कि हमारे संविधान में यह लिखा है। बल्कि हजारों सालों से यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। यह हमारी रगों में है। अब्दुल्लापरिवार पर कश्मीर में सांप्रदायिक राजनीति का बीज बोने का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला और उनके पिता की नीतियों की वजह से कश्मीर से पंडितों को पलायन करना पड़ा। शेख अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर की राजनीति को कौमी रंग देने का पाप किया है। मोदी ने अपने तीखे बयान में कहा कि किसे डूबना चाहिए ये तय करने के पहले फारूक अब्दुल्ला को अपना चेहरा आइने में देखना चाहिए।
इसके पहले अपने चुनावी डायरी में अरुण जेटली ने अब्दुल्ला को निशाने पर लिया। जेटली के अनुसार भारत में धर्मनिरपेक्षता के विफल होने का सबसे बड़ा उदाहरण फारूक साहब का अपना राज्य है, जहां से कश्मीरी पंडितों का सफाया कर दिया गया।
परिवार पर तीखे हमले के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी को घाटी में आकर वोट मांगने की चुनौती दे डाली। उमर ने कहा, 'आप में कश्मीर में आकर वोट मांगने का साहस नहीं है। आप देश का प्रधानमंत्री बनने निकले हैं, लेकिन आप कश्मीर वोट मांगने नहीं आएंगे। मोदी पर हमला बोलते हुए बाद में उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि कश्मीरी पंडितों का पलायन राज्यपाल जगमोहन के कार्यकाल में हुआ था, जिन्हें भाजपा समर्थित केंद्र सरकार ने नियुक्त किया था। उन्होंने कहा कि 1947 में शेख अब्दुल्ला पाकिस्तान के बजाय भारत को चुनकर अपनी धर्मनिरपेक्षता साबित कर चुके हैं। उमर ने कहा कि अगर इस दुनिया में लोग किसी शख्स को धर्मनिरपेक्षता का विरोधी मानते हैं तो वह मोदी ही हैं। मुझे अजीब लगता है कि अब हमें उस आदमी से धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र लेना है, जो इसका मतलब तक नहीं जानता।
इस बीच, कश्मीरी पंडितों ने घाटी से अपने पलायन के लिए फारूक अब्दुल्ला को जिम्मेदार ठहराया है। कश्मीरी पंडितों के संगठन आल पार्टी माइग्रेंट कोआर्डिनेशन कमेटी के संयोजक विनोद पंडित ने कहा कि 1988 से 1990 के दौरान अपने शासन काल में फारूक अब्दुल्ला कश्मीरी पंडितों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा में बुरी तरह विफल रहे।
-मोदी को वोट देने वालों को समुद्र में डूब जाना चाहिए। भारत कभी भी सांप्रदायिक नहीं हो सकता, अगर यहां सांप्रदायिक तत्व सत्ता में आ गए तो कश्मीर इसका हिस्सा नहीं रहेगा। - फारूक अब्दुल्ला (27 अप्रैल का बयान)
-'जिन लोगों ने कश्मीरी पंडितों को खदेड़ दिया, उन लोगों को सांप्रदायिकता पर उपदेश देने का हक नहीं है। फारूक अब्दुल्ला और उनके पिता की नीतियों की वजह से कश्मीर से पंडितों को पलायन करना पड़ा। ' -नरेंद्र मोदी
-'अगर कश्मीर और कश्मीरी नरेंद्र मोदी से एक चीज नहीं चाहते तो वह है पंथनिरपेक्षता पर उनका भाषण। कश्मीर ने विश्व को कश्मीरियत और सहिष्णुता दी है।' - उमर अब्दुल्ला
हमें राष्ट्रीय नेता बनाने के लिए मोदी का शुक्रिया : उमर
श्रीनगर [राज्य ब्यूरो]। फारूक अब्दुल्ला के बयान पर भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी के हमले को उमर अब्दुल्ला ने सकारात्मक भी लिया है। पत्रकारों से बातचीत में उमर ने कहा कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला के साथ इस बात पर चर्चा हो रही थी। वह बहुत खुश थे और उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि मैं राष्ट्रीय नेता हूं। उमर ने कहा कि इसलिए मैं मोदी का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने हमें राष्ट्रीय नेता बनाया है।
नरेंद्र मोदी को वोट देने वालों को समुद्र में डूब जाने संबंधी बयान पर अपने पिता का बचाव करते हुए उमर ने कहा कि चुनावों में ऐसी बातें हो जाती हैं। आपको यह देखना चाहिए कि उन्होंने इसे किस संदर्भ में कहा है। उमर ने कहा कि मोदी साहब केलोगों ने कहा था कि जो उन्हें वोट नहीं देगा, उन्हें पाकिस्तान चले जाना चाहिए। इसी तरह उनके पिता ने भी कह दिया है। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है, अब इससे ज्यादा मैं क्या कहूं।
'क्या किसी को पाकिस्तान भेजना समुद्र में फेंकने से ज्यादा अपमानजनक है। इस पर चुप्पी बहुत कुछ कहती है।' - शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री
'इस तरह की भाषा सड़क के गुंडे बोलते हैं। वे डर रहे हैं क्योंकि मोदी को बांधा नहीं जा सकता। अगर उन्हें ऐसा लगता तो किसी दूसरे देश में जाकर शरण लेनी चाहिए।' - सुब्रमण्यम स्वामी, भाजपा नेता
ट्विटर ट्रेंड
'वह शेख अब्दुल्ला थे जिन्होंने कश्मीरी पंडितों को कहा था कि हमारे जैसे हो जाओ या भाग जाओ या फिर समाप्त हो जाओ।' -राहुल पंडिता
कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के समय अब्दुल्ला परिवार मौन दर्शक बना हुआ था। चुनाव की संध्या पर उन्हें कश्मीरियत याद आ रही है। - आदित्य राज कौल
आमतौर पर कश्मीर पंडित कहते हैं कि शेख ने हमारी जमीनें छीनी। फारूक ने बेघर और उमर ने बेरोजगार किया। क्या आप इससे सहमत हैं। - पवन दुरानी
केंद्रीय पटल पर कश्मीरी पंडितों के मामले को उठाने के लिए मैं मोदी को सैल्यूट करता हूं, जिस पर धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस ने कभी चर्चा नहीं की। - अर्जुन पंडित

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