हैरिटेज भवन के रूप में बरकरार रखा जाएगा पुराना संसद भवन, विशेष उपलक्ष्यों पर हो सकता है इस्तेमाल
कुछ विशेष उपलक्ष्यों पर इस पुराने संसद भवन का भी इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन अभी तक लिखित रूप में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। बताया जाता है कि पुराने भवन के कुछ हिस्से बहुत दयनीय स्थिति में हैं जिनकी मरम्मत होगी।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। नए संसद भवन का उद्घाटन हो गया। मानसून सत्र से इसी भवन में विधायी कार्य होंगे। ऐसे में यह सवाल भी है कि पुराने संसद भवन का क्या होगा। इस भवन का इस्तेमाल कैसे होगा, यह तो अब तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन सरकार की ओर से इतना जरूर कहा गया है कि इसे एक विरासत के रूप में सुरक्षित और संरक्षित रखा जाएगा।
पुराने संसद भवन का बेतरतीब निर्माण
माना जा रहा है कि पुराने संसद भवन में कार्यरत कुछ स्टाफ वहां बैठते रहेंगे। 1927 में ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लुटियंस द्वारा बनाए गए संसद भवन में जरूरत के अनुसार बाद में फ्लोर जोड़ा गया था। संसद भवन में आने-जाने वाले इससे वाकिफ हैं कि यह निर्माण कितना बेतरतीब था।
पुराने संसद भवन के कैसे हैं कमरे ?
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के कार्यकाल के दौरान ही नए भवन की जरूरत की बात कही गई थी। उसके बाद सिविल इंजीनियर की जांच में यह बात आई थी कि भवन कमजोर है। अब जब नया भवन बनकर तैयार हो गया है, तो इतना तय है कि हैरिटेज भवन के रूप में उसे बरकरार रखा जाएगा। पुराने भवन में स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों को तीसरी मंजिल पर कमरे मिले हैं, जिनकी स्थिति अत्यंत खराब है।
संभव है कि उन्हें भूतल के कमरों में स्थान दिया जाए, जो अभी कैबिनेट मंत्रियों को मिलते थे। सूत्रों के अनुसार, कुछ विशेष उपलक्ष्यों पर इस भवन का भी इस्तेमाल हो सकता है। लेकिन अभी तक लिखित रूप में कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। बताया जाता है कि पुराने भवन के कुछ हिस्से बहुत दयनीय स्थिति में हैं, जिनकी मरम्मत होगी।