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    पीएम-किसान योजना का अब आसानी से मिलेगा लाभ, AI की हुई एंट्री; 'किसान-ए-मित्र' बनेगी पहचान

    Updated: Tue, 11 Feb 2025 10:00 PM (IST)

    अब कृषि क्षेत्र में भी एआई की एंट्री होगी। इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री ने जानकारी दी है। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के हल और किसानों की सहायता के लिए केंद्र ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को नियुक्त किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एम्स दिल्ली से लेकर आईआईटी कानपुर तक एआई सेंटर बनाए जाएंगे।

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    पीएम-किसान योजना का अब आसानी से मिलेगा लाभ। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

    पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने संसद को बताया है कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के हल और किसानों की सहायता के लिए केंद्र ने आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को नियुक्त किया है। सरकार इस तकनीक की मदद से कृषि संबंधी सभी योजनाओं को सशक्त तरीके से लागू करने में तकनीकों पर निर्भर कर रही है।

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    दरअसल, पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना में उनके सवालों के जवाब देने में सहायता के लिए एआई संचालित चैटबॉट 'किसान-ए-मित्र' विकसित किया है।

    क्या बोले कृषि मंत्री?

    केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नोत्तर के दौरान अपने लिखित जवाब में बताया कि आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से स्वास्थ्य, शहरों की चिरस्थायी व्यवस्था और कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए भारत में उत्कृष्टता के केंद्र (सेंटर आफ एक्सेलेंस-सीओई) बनाए जाएंगे।

    किसको दिया गया जिम्मा?

    इस दिशा में महारत हासिल करने का जिम्मा क्रमश: एम्स दिल्ली, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर और आईआईटी रोपड़ को सौंपा गया है। यह सभी सेंटर बतौर सहायक समूह काम करेंगे। इससे प्रमुख शैक्षणिक व शोध संस्थान भी औद्योगिक साझेदारों व स्टार्टअप के साथ मिलकर काम करेंगे।

    इस साझेदारी के नेटवर्क में प्रतिष्ठित संस्थान जैसे आईआईटी मद्रास, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बांबे, आईआईटी तिरुपति, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी गांधीनगर, आईआईएससी बेंगलोर, आईआईआइटी हैदराबाद, एम्स पटना, एनआईटी मेघालय, एनआईटी हमीरपुर और एनआईटी कालीकट भी शामिल हैं।

    सरकार ने 'मेक एआई इन इंडिया' और 'मेक एआई वर्क फॉर इंडिया' विजन के लिए वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक 990 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।

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