अब हर जिले का बनेगा 'स्किल डेवलपमेंट प्लान', प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण के लिए गाइडलाइन जारी
अब हर जिले का स्किल डेवलपमेंट प्लान बनेगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। पीएम मोदी का जोर कौशल विकास और उद्यमशीलता पर है इसलिए मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2015 में शुरू की। इसके पहले चरण में 19.86 लाख दूसरे चरण में 1.10 लाख और तीसरे चरण में 7.37 लाख सहित कुल 1.37 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को अधिक रोजगारपरक बनाने के लिए महीनों से चल रहे प्रयासों को रूपरेखा में ढाल दिया गया है। पिछले तीन चरणों की चुनौतियों को देखते हुए चौथे चरण के लिए कई सुधारों के साथ कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी कर दी हैं।
हर जिले का होगा अलग 'स्किल डेवलपमेंट प्लान'
प्रयास यही है कि योजना को यूं ही समान रूप से न थोप दिया जाए, बल्कि जहां जिस कौशल की आवश्यकता है, उसी के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि उन्हें रोजगार भी मिल सके। इसे देखते हुए ही हर जिले का अलग 'स्किल डेवलपमेंट प्लान' बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय किया गया है।
2014 में बनाया गया कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय
केंद्र की सत्ता में मोदी सरकार के आने पर 2014 में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जोर कौशल विकास और उद्यमशीलता पर है, इसलिए मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2015 में शुरू की। इसके पहले चरण में 19.86 लाख, दूसरे चरण में 1.10 लाख और तीसरे चरण में 7.37 लाख सहित कुल 1.37 करोड़ युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया।
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योजना चलती रही, युवा प्रशिक्षण लेते रहे, लेकिन रोजगार या स्वरोजगार के रूप में वह परिणाम नहीं सामने आ सके, जिसकी सरकार को अपेक्षा थी। यही वजह है कि इस बार बजट में प्रधानमंत्री मोदी ने जल्द नए सुधारों और भविष्य की आवश्यकता के अनुरूप चौथा चरण लागू करने की घोषणा कर दी। तभी से मंत्रालय इसकी रूपरेखा बनाने में जुटा था।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण की गाइडलाइन जारी
मंत्रालय ने महीनों की कसरत के बाद प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के चौथे चरण की गाइडलाइन जारी कर दी हैं। इसमें कई बदलाव किए गए हैं, जिसमें खास यह है कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला कौशल विकास समितियां जिला कौशल विकास योजना (डिस्ट्रिक्ट स्किल डेवलपमेंट प्लान) बनाएंगी। इसके लिए यह स्थानीय श्रम बाजार और स्किल गैप का आकलन कर स्किल मैपिंग करेंगी। यह देखेंगी कि जिले में किस क्षेत्र में कितने रोजगार सृजन की संभावना है। इन बिंदुओं के साथ एक्शन प्लान प्रस्तावित करेंगी।
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राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारी होगी कि वह जिलों की इन जानकारियों और प्लान को शामिल करते हुए राज्य कौशल विकास योजना (स्टेट स्किल डेवलपमेंट प्लान) बनाकर केंद्र सरकार को भेजेंगे। व्यवस्था बनाई गई है कि कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) नेशनल स्किल डेवलपमेंट प्लान बनाएगा।
स्टीयरिंग और एग्जीक्यूटिव कमेटी बनाई जाएगी
निगरानी के लिए मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी तो योजना को लागू कराने के लिए मंत्रालय के अपर सचिव या संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में एग्जीक्यूटिव कमेटी बनाई जाएगी। जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में डिस्टि्रक्ट स्किल कमेटी काम करेगी। सरकार ने चौथे चरण में प्रशिक्षण, निगरानी, रोजगार उपलब्ध कराने की ठोस व्यवस्था के लिए कई नए प्रयासों को शामिल किया है।
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