काबुल से लेकर कोलंबो तक, देश छोड़कर नेताओं के भागने का है पुराना इतिहास
विश्व इतिहास में ऐसी कई राजनीतिक उथल-पुथल हुई हैं जिसमें कई वैश्विक नेताओं को अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर होकर भागना पड़ा। इन नामों में पाकिस्तान से लेकर अफगानिस्तान और श्रीलंका के बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं। देश छोड़कर भागने का हालिया उदाहण शेख हसीना हैं जिन्हें देश में फैली हिंसा के बाद बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश की सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर लाखों छात्रों ने महीनों तक हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को दबाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बल का प्रयोग किया, जिससे हिंसा और भड़क गई। छात्र आंदोलन को और भी ज्यादा उग्र होते देख अंत में शेख हसीना को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा।
अपने ही देश में अराजकता की स्थिति देखकर आवामी लीग की नेता शेख हसीना सैन्य विमान से भारत भाग गईं। हालांकि, भारत हसीना का आखिरी पड़ाव नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना लंदन जा सकती हैं। उन्होंने ब्रिटेन से राजनीतिक शरण मांगी है। इसके अलावा वह फिनलैंड भी जा सकती हैं।
कई वैश्विक नेता देश छोड़कर भागे
अब शेख हसीना बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ चुकी हैं। मगर, विश्व इतिहास में ऐसी कई राजनीतिक उथल-पुथल की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई वैश्विक नेताओं को अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर होकर भागना पड़ा।
आईए ऐसे ही कुछ नेताओं पर नजर डालते हैं।
गोटाबाया राजपक्षे (श्रीलंका)
पड़ोसी देश श्रीलंका में साल 2019 में आर्थिक तंगी आई, जिससे वहां के लोग झेल गए। देश में रोजाना भयानक बिजली कटौती होने लगी और लोगों को ईंधन, भोजन और दवाओं जैसी बुनियादी चीजों की कमी का सामना करना पड़ा।
श्रीलंका में आई इस आर्थिक तंगी को लेकर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन होने लगे, जिसने तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को घुटनों पर ला दिया। विरोध-प्रदर्शनों के उग्र होता देख गोटबाया राजपक्षे ने अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया। बाद में उन्होंने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर मालदीव और सिंगापुर की शरण ली। हालांकि, राजपक्षे श्रीलंका लौट चुके हैं।
परवेज मुशर्रफ (पाकिस्तान)
जनरल परवेज मुशर्रफ 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह और राष्ट्रपति रहे थे। मुशर्रफ का नाम उन नेताओं में शामिल है जिन्हें देश में उछल-पुथल के बीच अपना देश छोड़कर भागना पड़ा। मुशर्रफ 1999 में सैन्य तख्तापलट के जरिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हटाकर सत्ता में आए थे।
विवादों से घिरा रहा मुशर्रफ का कार्यकाल
मुशर्रफ का कार्यकाल विवादों से घिरा रहा। उनके कार्यकाल में मानवाधिकारों के हनन से लेकर राजनीतिक दमन और न्यायपालिका पर अंकूश लगाने के आरोप लगे। उन्होंने 2007 में देश में आपातकाल की घोषणा कर दी और संविधान को निलंबित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश और देश के सुप्रीम कोर्ट को बर्खास्त कर दिया।
महाभियोग की कार्यवाही से बचने के लिए मुशर्रफ ने 2008 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और पाकिस्तान छोड़कर भाग गए।
अशरफ गनी (अफगानिस्तान)
अशरफ गनी सितंबर 2014 से अगस्त 2021 तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे। मगर, साल 2021 में चरमपंथी तालिबान के भारी दबाव में उन्होंने अपनी जान बचाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। अशरफ गनी ने देर ना लगाते हुए फौरन अफगानिस्तान छोड़ दिया।
अशरफ गनी अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहले ताजिकिस्तान भागे और फिर संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी चले गए। बाद में यूएई ने उन्हें शरण दी।
एरिस्टाइड (हैती)
कैरेबियन देश हैती के राष्ट्रपति जीन-बर्ट्रेंड एरिस्टाइड को भी देश में मचे उथल-पुथल भरे माहौल के बीच निर्वासन का सामना करना पड़ा। साल 1991 में एरिस्टाइड पहली बार राष्ट्रपति बने थे, लेकिन बाद में उन्हें सैन्य तख्तापलट में उखाड़ फेंका गया और वे अमेरिका भाग गए। हालांकि, 1994 में अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद उन्हें सत्ता में वापस लाया गया।
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