दिल्ली में अलर्ट, हिमाचल-पंजाब में बाढ़ ने बढ़ाई मुसीबत; उत्तर भारत के सौ से ज्यादा जिले जलमग्न
उत्तर भारत में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर है जिसमें जम्मू-कश्मीर पंजाब और हिमाचल प्रदेश बुरी तरह प्रभावित हैं। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बचाव और राहत कार्य जारी हैं एनडीआरएफ सेना और वायुसेना लोगों को बचाने में जुटी हैं।

जागरण टीम, नई दिल्ली। लगातार वर्षा के कारण उत्तर भारत में त्राहिमाम की स्थिति है। लगभग सौ से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बड़ी संख्या में भूस्खलन और प्रलयंकारी बाढ़ ने जम्मू-कश्मीर की कमर तोड़ दी है, तो पंजाब 1988 के बाद बाढ़ की सबसे भीषण मार झेल रहा है।
भाखड़ा बांध का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र दो फीट दूर रह गया है। फ्लड गेट आठ फीट तक खोल दिए गए हैं। घग्गर दरिया के किनारे स्थित गांवों को खाली करने का आदेश दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश भी बाढ़ से प्रभावित हैं। उत्तर प्रदेश के 38 जिलों में जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। राजधानी दिल्ली बाढ़ की आशंका से सहमी हुई है। पंजाब के के सभी 23 जिलों के 1,655 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। 3.55 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
डेढ़ लाख हेक्टेयर फसल को नुकसान
लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को नुकसान पहुंचा है। बीते एक अगस्त से अभी तक 37 लोगों की जान जा चुकी है। एनडीआरएफ की 23 टीमों के अलावा सेना, वायुसेना और नौसेना ने बचाव और राहत कार्यों के लिए 12 टुकड़ियां तैनात की हैं।
बीएसएफ के जवान सीमा के साथ किसानों की भी रक्षा कर रहे हैं। इंजीनियरों की दो टीमें और लगभग 35 हेलिकाप्टर राहत कार्यों में लगे हुए हैं। राज्य भर में बनाए गए 174 राहत शिविरों में 5,167 लोगों ने शरण ली हुई है। 19,597 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से सुरक्षित निकाला गया है।
जम्मू-कश्मीर में बाढ़-भूस्खलन ने मचाई भारी तबाही
जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़, कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी, रामबन, ऊधमपुर, रियासी, अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा समेत 11 जिले पूरी तरह प्रभावित हैं। लगभग 314 पुल बाढ़ और भूस्खलन में क्षतिग्रस्त हुए हैं। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पिछले एक सप्ताह से बंद है। लगभग 1600 गांव और आवासीय बस्तियां बाढ़ से प्रभावित हैं, जबकि 140 लोगों की मौत हो चुकी है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा भी स्थगित कर दी गई है।
अमित शाह लिया स्थिति का जायजा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए जम्मू का दौरा कर चुके हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, नुकसान 20 हजार करोड़ से अधिक होने का अनुमान है। पूरा हिमाचल आपदा प्रभावितहिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिले आपदा की चपेट में हैं, जिसके कारण राज्य को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है।
प्रदेश में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, लेकिन किसी भी जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति नहीं है। हाल ही में 95 स्थानों पर नदी, नालों और खड्डों का जलस्तर बढ़ने से नुकसान हुआ है। मानसून के दौरान भूस्खलन की 105 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि इस वर्ष बादल फटने की 45 घटनाएं हुई हैं।
मानसून सीजन में 3056 करोड़ रुपये का नुकसान
प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस मानसून सीजन में 3056 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इस दौरान 182 लोगों की जान गई है और 40 लोग लापता हैं। राज्य में 845 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं और 3245 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
हरियाणा में नदियां उफान पर
हरियाणा में घग्गर, यमुना, टांगरी, मारकंडा, पाथरी और सोम नदियां उफान पर हैं। यमुना में मंगलवार को तीन लाख क्यूसेक से अधिक पानी बह रहा था। अब तक 55 हजार से अधिक किसानों की साढ़े तीन लाख एकड़ में खरीफ की फसलें प्रभावित हुई हैं। भिवानी, झज्जर, गुरुग्राम, हिसार, सिरसा, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र और पंचकूला में स्कूल बंद करने पड़े हैं। राज्य के 12 जिलों के 1233 गांवों में जलभराव का व्यापक असर है। वर्षा जनित हादसों में 10 लोगों की मौत हो चुकी है। हरियाणा सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है, जहां नुकसान की भरपाई के लिए आवेदन किया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश के 38 जिले प्रभावित
उत्तर प्रदेश के 75 में से 38 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। इन जिलों के 3000 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं और लगभग 15 लाख की आबादी प्रभावित है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं।
अवध क्षेत्र में बाढ़ का सबसे ज्यादा असर
बाढ़ का सबसे अधिक असर अवध क्षेत्र में है, जहां घाघरा-सरयू नदी की बाढ़ से स्थिति गंभीर बनी हुई है। नेपाल के पहाड़ी नालों से आने वाले पानी के कारण भी बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। पूर्वांचल में वाराणसी, गाजीपुर, बलिया जैसे जिले प्रभावित हैं, जबकि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ, सहारनपुर, बुलंदशहर, शामली आदि में बाढ़ ज्यादा भयावह है।
राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान
राजस्थान के हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिलों में भारी बारिश के कारण फसलों का भारी नुकसान हुआ है। पिछले सप्ताह तक सवाई माधोपुर, कोटा, करौली, बूंदी और झालावाड़ जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन अब बारिश कम होने से पानी का बहाव घटने लगा है। सवाईमाधोपुर में करीब चार करोड़ रुपये की अमरूद की फसल बाढ़ में बह गई। राहत कार्य में एसडीआरएफ ने 600 से अधिक लोगों को बचाया है।
उत्तराखंड में ऊधम सिंह नगर के 25 गांव बाढ़ से प्रभावित
उत्तराखंड में ऊधम सिंह नगर जिला ही आंशिक रूप से बाढ़ से प्रभावित है। ऊधम सिंह नगर के खटीमा, सितारगंज, रुद्रपुर, नानकमत्ता क्षेत्र के खेतलमंडी, चकरपुर, कुटरी, भगचुरी समेत 20 से 25 गांव बाढ़ से प्रभावित रहे हैं। इन क्षेत्रों में कैलास नदी, देहला नदी व कल्याणी नदी में बाढ़ आई। करीब 800 लोगों को एक-दो दिन सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया। अब अधिकतर लोग अपने घरों में लौट चुके हैं। राज्य के अन्य 12 जिलों में नदियां उफान पर हैं, लेकिन बाढ़ नहीं आई है।
मध्य प्रदेश के 11 तो छत्तीसगढ़ के चार जिले बाढ़ की चपेट में
मध्य प्रदेश में बाढ़ से 11 जिले काफी प्रभावित हुए हैं। शिवपुरी, बुरहानपुर, दमोह, अशोकनगर, धार, छतरपुर, रायसेन, उमरिया, बड़वानी, मंडला और कटनी जिलों का कुल 12 हजार हेक्टेयर रकबा अतिवृष्टि और बाढ़ से प्रभावित हुआ है। बाढ़ और अतिवृष्टि पांच हजार से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के चार जिलों बस्तर, सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में 100 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। दंतेवाड़ा में 100 से ज्यादा गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है।
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