बारिश ने पहाड़ों में मचाई तबाही, मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर; पंजाब-यूपी-राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
भारी बारिश से उत्तर भारत में नदियां उफान पर हैं। हिमाचल प्रदेश में ब्यास नदी में कई घर और दुकानें बह गईं जिससे कुल्लू-मनाली का संपर्क टूट गया है। पंजाब के 130 से अधिक गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। चमोली के थराली में भूस्खलन हुआ है। राजस्थान में वर्षा कमजोर पड़ने से राहत कार्य में तेजी आई है। उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना नदियां उफान पर हैं।
टीम जागरण, नई दिल्ली। भारी वर्षा के कारण पर्वतीय राज्यों के साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भी नदियां उफान पर हैं। पंजाब, राजस्थान में बाढ़ के हालात हैं। सबसे खराब हालात हिमाचल के हैं जहां कुल्लू जिले में उफान पर आई ब्यास नदी के किनारे बने घर, दुकानें, ढाबे व रेस्तरां बह गए। बिंदु ढांक में सड़क का नामोनिशान मिट गया है। इस कारण कुल्लू से मनाली का संपर्क भी कट गया है। कई गांवों को खाली करवा दिया गया है।
कुल्लू के अखाड़ा बाजार में दो घर, ओल्ड मनाली में तीन ढाबे व तीन घर, रामशिला में तीन घर, बाहंग में दो रेस्तरां और चार दुकानें बह गई हैं। रामशिला में बही तीन दुकानें व मनाली के बाहंग में शेर ए पंजाब रेस्तरां ब्यास नदी के साथ बना था। कुल्लू और मनाली के बीच सड़क जगह-जगह ब्यास नदी में समा गई है। मनाली में बैली ब्रिज के साथ वामतट और ओल्ड मनाली को जोड़ने वाला पुल भी बह गया है। कांगड़ा जिले में पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान (1390 फीट) को पार कर गया। पशुशाला गिरने से हमीरपुर जिले में शवयात्रा में जा रहे पांच लोग मलबे में दबने से घायल हो गए।
किन्नौर जिले में बादल फटने से पानवी खड्ड में बाढ़ आ गई। प्रदेश में भारी वर्षा व भूस्खलन के कारण तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 677 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल में अगस्त में 366.9 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 62 प्रतिशत अधिक है। कुल्लू जिले के धुंधी व मनालसू नाला में बादल फटने से लाहुल, चंबा जिले के पांगी तथा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की आपूर्ति चेन टूट गई है।
पंजाब में 130 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में
पंजाब में बाढ़ प्रभावित सात जिलों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। इन जिलों के करीब 130 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और यहां तीन से 10 फीट तक पानी भर गया है। ये हालात राज्य के सभी तीन बांध रणजीत सागर, पौंग और नंगल से लगातार पानी छोड़े जाने और लगातार हो रही वर्षा के कारण हैं। पठानकोट के गांव कजले में पानी भर जाने के बाद वायुसेना के हेलिकाप्टर ने सात लोगों को सुरक्षित एयरलिफ्ट किया। बाढ़ के कारण अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ चौकियां भी पानी में डूबी हैं। मौसम विभाग ने राज्य के कई जिलों में आगामी दिनों में भारी वर्षा का रेड तो कही येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य के सभी स्कूल 30 अगस्त तक बंद रखने का फैसला लिया गया है।
चमोली के थराली में भूस्खलन ने बढ़ाई चिंता
बादल फटने के बाद आपदा से जूझ रहे चमोली जनपद के थराली में भूस्खलन ने चिंता बढ़ा दी है। उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी में सिंचाई विभाग की टीम यमुना नदी पर आए मलबे को हटाने में जुटी है। मलबे के कारण यमुना पर फिर बनी झील में पानी बढ़ गया है। धराली में भागीरथी पर बनी झील को 21 दिन बाद भी नहीं खोला जा सका है। चंपावत के लोहाघाट में पहाड़ी से हुए भू-स्खलन की चपेट में आने से 18 वर्षीय लक्ष्मण चंद की मौत हो गई, जबकि उसका साथी घायल हो गया। पिथौरागढ़ के देवत गांव में 20 परिवारों के 80 लोग नैनी सैनी बरातघर में रह रहे हैं। मौसम विभाग ने बुधवार को देहरादून, पौड़ी, नैनीताल और बागेश्वर में वर्षा का यलो अलर्ट जारी किया है।
राजस्थान में वर्षा का दौर कमजोर पड़ा, राहत कार्यों में आई तेजी
राजस्थान में मंगलवार को आधा दर्जन जिलों में मध्यम से भारी वर्षा हुई। हालांकि, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, झालावाड़ और बारां जिलों में वर्षा का दौर कमजोर पड़ा, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई। मौसम विभाग ने बुधवार तक वर्षा जारी रहने की चेतावनी दी है। उधर, लगातार वर्षा के कारण उदयपुर के झाड़ोल में वाकल नदी उफान पर आ गई, जिससे वास-नरसिंगपुरा को जोड़ने वाली पुलिया पानी में डूब गई और कई गांवों का आपस में संपर्क कट गया। उदयपुर में ही बरसाती नाले में एक कार गिरने से तीन लोगों की मृत्यु हो गई। कार सवार दो लोग कांच तोड़कर बाहर निकलने में सफल रहे।
यूपी में गंगा-यमुना उफान पर
लगातार जारी वर्षा के कारण उत्तर प्रदेश में गंगा-यमुना और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। प्रयागराज में बाढ़ का खतरा फिर मंडराने लगा है। जिले की 22 बस्तियों में पानी घुस गया है। औरेया और हमीरपुर में यमुना खतरे के निशान को पार कर गई है।
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