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    NMC ने जेनेरिक दवाएं लिखने की अनिवार्यता पर लगाई रोक, IMA और IPA ने नियम को लेकर जताई थी चिंता

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Fri, 25 Aug 2023 12:40 AM (IST)

    राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने गुरुवार को उन नियमों पर रोक लगा दी जिसके तहत डॉक्टरों के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य बना दिया गया था। इसके अलावा डॉक्टरों पर फार्मा कंपनियों से उपहार स्वीकार करने या किसी दवा ब्रांड का प्रचार करने से रोक लगा दी गई थी। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (पेशेवर आचरण) नियम 2023 विगत दो अगस्त को जारी किया गया था।

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    एनएमसी ने जेनेरिक दवाएं लिखने की अनिवार्यता वाले नियम पर रोक लगाई। (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली, पीटीआई। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने गुरुवार को उन नियमों पर रोक लगा दी, जिसके तहत डॉक्टरों के लिए जेनेरिक दवाएं लिखना अनिवार्य बना दिया गया था। इसके अलावा डॉक्टरों पर फार्मा कंपनियों से उपहार स्वीकार करने या किसी दवा ब्रांड का प्रचार करने से रोक लगा दी गई थी। रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (पेशेवर आचरण) नियम, 2023 विगत दो अगस्त को जारी किया गया था।

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    नियम पर जताई गई थी चिंता

    इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और इंडियन फार्मास्युटिकल एलायंस (आईपीए) ने एनएमसी द्वारा जेनेरिक दवाओं को लिखना अनिवार्य बनाने पर चिंता जताई थी।

    उन्होंने कहा था कि इन दवाओं की गुणवत्ता के बारे में अनिश्चितता के कारण यह संभव नहीं है। उन्होंने यह सुझाव भी दिया था कि रजिस्ट्रेशन कराए हुए डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों या स्वास्थ्य क्षेत्र के सहयोगी संगठनों द्वारा प्रायोजित सम्मेलनों में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।

    पुनर्विचार की मांग की गई थी

    आईएमए और आईपीए ने कहा कि डॉक्टरों को फार्मा कंपनियों द्वारा प्रायोजित सम्मेलनों में भाग लेने से रोकने वाले नियम पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी मांग की कि संगठनों को एनएमसी दिशा-निर्देशों के दायरे से छूट दी जानी चाहिए। आईएमए और आईपीए के प्रतिनिधियों ने सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मिलकर इन नियमों पर अपनी चिंता जताई थी।

    एनएमसी ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर (व्यावसायिक आचरण) नियम, 2023 को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा अगली अधिसूचना जारी होने तक यह नियम प्रभावी नहीं होगा।