NMC का महत्वपूर्ण फैसला, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात होंगे पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्र; गृह मंत्रालय ने की ये अपील
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का निर्देश दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब उत्तरी भारत बारिश और बाढ़ से जूझ रहा है। आयोग ने कहा कि यह तैनाती जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम (डीआरपी) का हिस्सा होगी जिससे छात्रों को जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को समझने का मौका मिलेगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने निर्देश दिया है कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया जाए। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब कई उत्तरी राज्य निरंतर बारिश के कारण प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहे हैं।
आयोग द्वारा शनिवार को जारी एक सर्कुलर के अनुसार, उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाढ़ या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल छात्रों की तैनाती को जिला रेजिडेंसी कार्यक्रम (डीआरपी) प्रशिक्षण का हिस्सा माना जाएगा। यह डीआरपी छात्रों को क्षेत्र स्तर पर लोगों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को समझने का अवसर प्रदान करता है।
गृह मंत्रालय ने की अपील
आयोग ने कहा कि हाल की बाढ़ आपदा जैसी स्थितियों के मद्देनजर, स्वास्थ्य पेशेवरों की तत्काल आवश्यकता है ताकि राहत कार्यों में सहायता मिल सके। यह पहल न केवल क्षेत्र स्तर पर आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी, बल्कि युवा चिकित्सा पेशेवरों को आपदा प्रतिक्रिया, सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन और सामुदायिक सेवा में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी देगी।
गृह मंत्रालय ने भी उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की अपील की है, और कई पोस्ट ग्रेजुएट डाक्टरों ने अपनी सेवाएं देने की इच्छा व्यक्त की है। आयोग ने इस अवसर को सीखने और सेवा का अनूठा अवसर मानते हुए इसे पोस्ट ग्रेजुएट प्रशिक्षण का एक मूल्यवान घटक माना है।
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