'GST नंबर पाने के लिए रिश्वत देने जा रहा हूं', यूजर ने लगाया सिस्टम में भ्रष्टाचार का आरोप; निर्मला सीतारमण ने दिया ये जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी सिस्टम में भ्रष्टाचार के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। विनोद गुप्ता नामक एक व्यक्ति ने जीएसटी पंजीकरण के लिए रिश्वत ...और पढ़ें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सोशल मीडिया यूजर द्वारा जीएसटी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। पोस्ट में कहा गया था कि वीजी लर्निंग डेस्टिनेशन के संस्थापक विनोद गुप्ता को अपने फर्म के लिए जीएसटी नंबर पाने के लिए रिश्वत देनी पड़ेगी।
दरअसल विनोद गुप्ता ने लिंक्डइन पर पोस्ट कर दावा किया था कि उन्होंने अपनी फर्म की पंजीकरण संख्या प्राप्त करने के लिए अप्लाई किया था, लेकिन हर रोज विभाग की तरफ से कोई न कोई कमी निकाली जा रही है। उन्होंने कहा था कि मैं कल रिश्वत देकर अपराध करने जा रहा हूं और मुझे पता है कि इसके बाद मुझे नंबर मिल जाएगा।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
विनोद गुप्ता का पोस्ट देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। टैक्स कंप्लायंस और लिटिगेशन एक्सपर्ट अभिषेक राजा राम ने इसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया साइट एक्स पर शेयर कर किया। उन्होंने सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीबीआईसी को जीएसटी पंजीकरण में भ्रष्टाचार की जमीनी हकीकत का कोई अंदाजा नहीं है।
राजा राम ने लिखा कि अधिकारी इतने भ्रष्ट हैं कि वीजी सर को भी अपनी कुंठा निकालनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि टॉप लेवल के अधिकारी रजिस्ट्रेशन का कंट्रोल अपन हाथ में लें, तभी भ्रष्टाचार समाप्त होगा। राजा राम ने सीबीआईसी यानी सेंट्र्ल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम को टैग कर दिया था।
सीबीआईसी ने दिया विस्तृत जवाब
- उनके इस आरोप पर सीबीआईसी ने विस्तृत रूप से जवाब दिया। सीबीआईसी ने लिखा कि विनोद गुप्ता ने 26 मई को अप्लाई किया था। उनका मामला सेंट्रल जीएसटी नहीं, बल्कि दिल्ली राज्य जीएसटी क्षेत्राधिकार को सौंपा गया है। सीबीआईसी ने कहा कि एक आपत्ति उठाई गई है और इसके बारे में आवेदक को सूचित कर दिया गया है।
- निर्मला सीतारमण ने सीबीआईसी की इसी पोस्ट को कोट करते हुए लिखा, 'करदाताओं की सेवा करना हमारी जिम्मेदारी है। लेकिन ऐसा करते समय हमें ईमानदार और पारदर्शी होना चाहिए, क्योंकि इसी तरह हम उनका विश्वास जीतते हैं। मेरा मानना है कि जीएसटी बोर्ड और अधिकारी लोगों की समस्याओं का जवाब देने में सावधान और त्वरित बने रहेंगे।'
यह भी पढ़ें: शपथ पत्र नहीं, अब सादे कागज के सहमति पत्र से भी जीएसटी पंजीकरण

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।