Nimisha Priya Case: 'कुछ मित्र सरकारों के संपर्क में...', निमिषा प्रिया मामले पर आया विदेश मंत्रालय का बयान
Nimisha Priya News निमिषा प्रिया को फांसी की सजा (Nimisha Priya Death) पर वहां के सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगने के बाद उनके बचने का एकमात्र तरीका इस्लामिक कानून (Islam Law) के मुताबिक “ब्लड मनी ही रह गया है। इसके तहत पीडि़त परिवार एक राशि ले कर निमिषाप्रिया को माफी दे सकते हैं।

Nimisha Priya News : डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा (Nimisha Priya Case) पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है। फिलहाल निमिषा प्रिया की फांसी की सजा टाल दी गई है।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार उन्हें हर संभव सहायता दे रही है। हमने कानूनी सहायता प्रदान की है और परिवार की सहायता के लिए एक वकील नियुक्त किया है। हम इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्थानीय अधिकारियों और उसके परिवार के संपर्क में भी हैं।
हर संभव सहायता को तैयार
उन्होंने कहा की इसमें पिछले कुछ दिनों में उसके परिवार को दूसरे पक्ष के साथ पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तक पहुंचने के लिए और समय देने के ठोस प्रयास शामिल हैं। हम मामले पर बारीकी से नजर रखते रहेंगे और मामले में हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। हम इस संबंध में कुछ मित्र सरकारों के संपर्क में भी हैं।
यमन की जेल में बंद निमिषा
बता दें कि यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा फिलहाल टाल दी गई है। निमिषा प्रिया पिछले आठ वर्षों से यमन की जेल में बंद है और वहां की सर्वोच्च अदालत ने उन्हें हत्या के जुर्म मं फांसी की सजा सुनाई है। भारत सरकार की तरफ से उन्हें रिहा कराने की तमाम कोशिशों के बावजूद पिछले दिनों निमिषा प्रिया को 16 जुलाई, 2025 को फांसी दे देने की तारीख तय की गई थी।
क्या कर सकती है सरकार?
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि स्थानीय प्रशासन ने भारतीय नर्स को बुधवार को दी जाने वाली फांसी की सजा फिलहाल स्थगित कर दी है। इस बारे में भारत के सुप्रीम कोर्ट में भी एक मामला दायर किया गया था। केंद्र सरकार ने कोर्ट में बताया था कि चूंकि यह दूसरे देश में दायर मामला है, इसलिए सरकार बहुत कुछ नहीं कर सकती।
कानूनी पहलुओं के बारे में भी जानकारी
विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि निमिषा प्रिया मामला में भारतीय दूतावास लगातार स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में है। खास तौर पर निमिषा प्रिया के परिजनों को हर तरह से सुझाव दिया जा रहा था और उन्हें यमन के कानूनी पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी जा रही थी। निमिषा के परिजनों को पीडि़त परिवार के लोगों से संपर्क कराने में भी दूतावास ने अपनी भूमिका निभाई है, ताकि इनके बीच सीधी बात हो सके।
क्या है निमिषा का मामला?
केरल निवासी निमिषा पढ़ाई के बाद यमन में नौकरी करने चली गई थी। वहां उन्होंने यमनी नागरिक तलत अबोद मेंहदी के साथ क्लीनिक शुरू की थी। मेंहदी उनका आर्थिक व शारीरिक शोषण करता था। प्रिया का पासपोर्ट व अन्य दस्तावेज पर भी उसने कब्जा कर रखा था। बाद में प्रिया ने अपने पति व बच्चे को भारत भेज दिया था। यमन अदालत में दर्ज मामले के मुताबिक अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए भारतीय नर्स ने मेंहदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया था लेकिन इसकी वजह से उसकी मौत हो गई थी।
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