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    Manipur's Kwakta Blast: क्वाक्टा विस्फोट की अब NIA करेगी जांच, उग्रवादियों की भूमिका मानी जा रही 'संदिग्ध'

    By Jagran NewsEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sun, 25 Jun 2023 07:51 AM (IST)

    मणिपुर के क्वाक्टा में हुए विस्फोट में उग्रवादियों की भूमिका अत्यधिक संदिग्ध मानकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी इसकी जांच करेगी। पुलिस ने एक बयान में यह जानक ...और पढ़ें

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    Manipur's Kwakta Blast: क्वाक्टा विस्फोट की जांच करेगी NIA

    इंफाल, एएनआई। मणिपुर पुलिस ने शनिवार को कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में बिष्णुपुर जिले के क्वाक्टा गांव में हुए विस्फोट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है, क्योंकि इसमें विद्रोहियों की संलिप्तता 'अत्यधिक संदिग्ध' है।

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    NIA को सौंपा गया मामला

    मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा, "चूंकि उपर्युक्त मामले में राज्य और सीमा पार सक्रिय विद्रोहियों की संलिप्तता अत्यधिक संदिग्ध है। इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में मामले को NIA को स्थानांतरित किया जा रहा है।''

    21 जून को पुल में हुआ विस्फोट

    इससे पहले 21 जून को शाम 7.10 बजे टिडिम रोड पर फौगाखेगाओ इखाई अवांग लीकाई और क्वाक्टा के निकटवर्ती क्षेत्र में स्थित एक पुल पर एक एसयूवी में विस्फोट हुआ था। पुलिस के बयान के अनुसार, विस्फोटक एक महिंद्रा स्कॉर्पियो के अंदर फिट किया गया था, जिसे अज्ञात बदमाशों ने पुल के ऊपर पार्क किया था। विस्फोट के बाद, पश्चिमी तरफ पुल का कुछ हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और तीन लड़कों को मामूली चोटें आईं, जिसके बाद उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए घटनास्थल से निकाला गया।

    फौगाचाओ इखाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज

    मामले की आगे की जांच के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पीडीपीपी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत फौगाचाओ इखाई पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि वाहन चुराचांदपुर की ओर से आया था।

    मणिपुर हिंसा पर केंद्र ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

    • इससे पहले, मणिपुर में हिंसा पर केंद्र द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में शांति बहाल करने का आश्वासन दिया, जबकि विपक्षी दलों ने इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी की 'चुप्पी' पर सवाल उठाया। 
    • हिंसाग्रस्त राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए अमित शाह ने बैठक बुलाई थी।
    • बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा और सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास सहित अन्य नेता मौजूद रहे।
    • बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने संवेदनशील और अराजनीतिक तौर पर मणिपुर में शांति बहाली के लिए अपने सुझाव दिए और सरकार इन सुझावों पर खुले मन से विचार करेगी।
    • शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले दिन से ही मणिपुर की स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं और इस समस्या का समाधान खोजने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं।

    राजनीतिक दलों से सहयोग का आग्रह

    गृह मंत्री ने स्थिति को शांत करने और मणिपुर में विभिन्न समुदायों के बीच जल्द से जल्द शांति और विश्वास बहाल करने में मदद के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग का आग्रह किया। हालांकि, शाह ने यह भी कहा कि मणिपुर में स्थिति सामान्य है क्योंकि 13 जून के बाद से कोई जान नहीं गई है। उन्होंने मणिपुर में मौजूदा स्थितियों पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा,

    मणिपुर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। 13 जून की देर रात से राज्य में हिंसा में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। अब तक 1800 लूटे गए हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं।

    मणिपुर में 40 आईपीएस अधिकारियों को किया गया तैनात

    मणिपुर की स्थिति को लेकर उठाए गए कदमों के बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 36,000 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, 40 आईपीएस अधिकारी और 20 मेडिकल टीमें राज्य में भेजी गई हैं और दवाओं सहित सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा,

    म्यांमार-मणिपुर सीमा पर 10 किमी की बाड़ लगाने का काम पूरा हो चुका है। 80 किमी सीमा पर बाड़ लगाने का टेंडर का काम पूरा हो चुका है। शेष सीमा का सर्वेक्षण चल रहा है।

    अमित शाह की बैठक में कौन-कौन हुए शामिल?

    बैठक में शामिल होने वालों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (कांग्रेस), डेरेक ओ ब्रायन (TMC), मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड सिंह (NPP), सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा), बीरेंद्र प्रसाद बैश्य (असम गण परिषद), एम थंबी दुरई (AIADMK), तिरुचि शिवा (DMK), पिनाकी मिश्रा (BJD), संजय सिंह (AAP), मनोज झा (RJD) और प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना) शामिल थे।

    मैती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद तीन मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी।