विदेशी अंशदान पाने वाले NGO के लिए सरकार का बड़ा आदेश, रजिस्ट्रेशन चाहने वालों को करना होगा ये काम
केंद्र सरकार ने कहा है कि प्रकाशन गतिविधियों में शामिल और विदेशी अंशदान पाने वाले गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) समाचार पत्र प्रकाशित नहीं कर पाएंगे। ऐसे एनजीओ को भारत के समाचार पत्र पंजीयक से प्रमाण पत्र लेना होगा कि वे समाचार सामग्री नहीं प्रसारित करते। विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण चाहने वाले एनजीओ को नए नियमों का पालन करना होगा और एफएटीएफ के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा।

पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि प्रकाशन संबंधी गतिविधियों में लगे और विदेशी अंशदान प्राप्त करने वाले गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) कोई समाचार पत्र प्रकाशित नहीं कर सकेंगे और उन्हें भारत के समाचार पत्र पंजीयक से यह प्रमाण पत्र लेना होगा कि वे कोई समाचार सामग्री प्रसारित नहीं करते हैं।
केंद्र ने कहा कि विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकरण चाहने वाले एनजीओ को नए नियमों का पालन करना होगा।
एफएटीएफ के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे एनजीओ
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि उसने एफसीआरए के तहत बनाए गए नियमों में संशोधन किया है और अब से विदेशी धन प्राप्त करने की अनुमति मांगने वाले एनजीओ को यह हलफनामा देना होगा कि वे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के अच्छे आचरण संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे। एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉंड्रिंग पर वैश्विक निगरानी संस्था है।
पंजीकरण चाहने वाले एनजीओ को क्या करना पड़ेगा
गृह मंत्रालय ने कहा कि पंजीकरण चाहने वाले ऐसे निकायों या गैरसरकारी संगठनों को पिछले तीन वित्तीय वर्षों के वित्तीय विवरण और आडिट रिपोर्ट संलग्न करनी होगी, जिसमें परिसंपत्तियों व देनदारियों का विवरण, प्राप्तियां एवं भुगतान का खाता और आय-व्यय खाता शामिल होगा।
यदि ऑडिट रिपोर्ट और वित्तीय विवरण में पिछले तीन वित्तीय वर्षों के गतिविधि-वार व्यय शामिल नहीं है, तो एनजीओ द्वारा गतिविधि-वार व्यय की गई राशि को दर्शाने वाला चार्टर्ड अकाउंटेंट का प्रमाण पत्र दाखिल करना होगा, जिसका आय-व्यय खाते और प्राप्ति एवं भुगतान खाते के साथ विधिवत मिलान किया गया हो।
अगर एसोसिएशन या एनजीओ प्रकाशन संबंधी गतिविधियों में शामिल है या प्रकाशन गतिविधियां इसके उद्देश्यों में शामिल हैं, जैसा एसोसिएशन के 'मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन' या ट्रस्ट डीड में कहा गया है, तो मुख्य पदाधिकारी को एफसीआरए-2010 के अनुपालन के संबंध में एक शपथपत्र अवश्य देना होगा।
गृह मंत्रालय ने कहा कि यदि एसोसिएशन का प्रकाशन भारत के समाचार-पत्रों के पंजीयक के पास पंजीकृत है, तो उसे भारत के समाचार-पत्र पंजीयक से 'समाचारपत्र नहीं' होने संबंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अगर एनजीओ पहले एफसीआरए के तहत पंजीकृत था, तो उसे पंजीकरण प्रमाणपत्र की समाप्ति या रद होने के बाद विदेशी अंशदान की प्राप्ति और उपयोग के संबंध में एक हलफनामा प्रस्तुत करना होगा।
इसमें कहा गया है कि अगर पिछले तीन वित्तीय वर्षों में लक्ष्यों और उद्देश्यों पर व्यय 15 लाख रुपये से कम है, तो पूंजी निवेश को शामिल करने के संबंध में एक हलफनामा प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
सरकार ने क्या रखी शर्तें?
सरकार ने शर्त रखी है कि जो गैरसरकारी संगठन विदेशी अंशदान प्राप्त करने की अनुमति चाहते हैं, उन्हें दानदाता से एक प्रतिबद्धता पत्र संलग्न करना होगा, जिसमें पत्र में दी गई प्रतिबद्धता राशि, दान की राशि से मेल खानी चाहिए।
परियोजना रिपोर्ट का भी जिक्र करना होगा, जिसमें विदेशी अंशदान से होने वाले प्रस्तावित व्यय का विस्तृत ब्योरा शामिल होगा और यह घोषणा भी होगी कि प्रशासनिक व्यय विदेशी अंशदान के 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।विदेशी धन प्राप्त करने वाले सभी गैरसरकारी संगठनों को अनिवार्य रूप से एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना होगा और ऐसे धन का इस्तेमाल केवल उन्हीं उद्देश्यों के लिए करना होगा, जिनके लिए इसे प्राप्त किया गया है।
सरकार ने कहा है कि विदेशी अंशदान प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले किसी भी संगठन के पास एक निश्चित सांस्कृतिक, आर्थिक, शैक्षिक, धार्मिक या सामाजिक कार्यक्रम होना चाहिए। संगठन को केंद्र से अनुमति या पंजीकरण हासिल किए बिना किसी भी विदेशी अंशदान को न तो प्राप्त करना चाहिए और न ही उसका इस्तेमाल करना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।