अब फिर भारत आ सकेंगे अफगान नागरिक, सरकार ने शुरू की वीजा सेवा
भारत ने अफगानिस्तान के नागरिकों के लिए व्यापार शिक्षा और चिकित्सा उपचार के लिए वीजा सेवा फिर से शुरू कर दी है। वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद भारत ने वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया था। वीजा व्यवसाय छात्र चिकित्सा प्रवेश और संयुक्त राष्ट्र राजनयिक जैसी श्रेणियों में दिए जाएंगे।

पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने व्यापार, शिक्षा और चिकित्सा उपचार के लिए देश की यात्रा करने के इच्छुक अफ़गानिस्तान के नागरिकों के लिए वीजा सेवा फिर से शुरू कर दी है। वे अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता पर कब्जा करने के बाद भारत ने काबुल में अपने दूतावास से अधिकारियों को वापस बुला लिया और वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया था।
भारत सरकार के आधिकारिक वीजा पोर्टल पर डाले गए नोटिस के अनुसार, वीजा व्यवसाय, छात्र, चिकित्सा, चिकित्सा परिचारक, प्रवेश और संयुक्त राष्ट्र राजनयिक की श्रेणियों में दिए जाएंगे। प्रत्येक आवेदक को अफगान राष्ट्रीय पहचान पत्र (तजकिरा) आनलाइन अपलोड करना होगा, जिसमें नाम, जन्म तिथि, राष्ट्रीयता, समाप्ति तिथि आदि जैसे व्यक्तिगत विवरण शामिल होंगे। वीजा आवेदन को पूरा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज प्रत्येक प्रकार के वीजा के सामने दर्शाए गए हैं।
ईटीए की कॉपी साथ रखना होगा
नोटिस में कहा गया है कि व्यवसाय कार्ड, आमंत्रण पत्र आदि सहित सभी दस्तावेज अंग्रेजी भाषा में होने चाहिए, ऐसा न करने पर आवेदन अस्वीकार कर दिया जाएगा। भारत आने पर इमिग्रेशन में आवेदक का बायोमेट्रिक विवरण अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा। आवेदकों को यात्रा के समय इलेक्ट्रानिक ट्रैवल अथराइजेशन (ईटीए) की एक प्रति साथ रखनी चाहिए। उन्हें तभी यात्रा करनी चाहिए जब यात्रा शुरू होने से पहले आधिकारिक वीजा पोर्टल पर ईटीए की स्थिति के रूप में दिखाई दे।
आवेदक वीजा स्थिति पर क्लिक करके अपने आवेदन की स्थिति आनलाइन ट्रैक कर सकते हैं। भारत की यात्रा करने वालों को भारत सरकार के आव्रजन ब्यूरो की वेबसाइट पर उपलब्ध निर्देशों को पढ़ने की भी सलाह दी जाती है। आवेदक को उसी पासपोर्ट पर यात्रा करनी होगी जिसके तहत वीजा के लिए आवेदन किया गया है।
तालिबान के साथ भारत के रिश्ते हुए सामान्य
यह फैसला महत्वपूर्ण है, क्योंकि बीते कुछ महीनों में तालिबान के साथ भारत के रिश्ते सामान्य हुए हैं। भारत ने अभी तक अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है।
हालांकि, भारत अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करने की वकालत करता रहा है। जून 2022 में भारत ने अफगानिस्तान की राजधानी में अपने दूतावास में एक तकनीकी टीम तैनात करके काबुल में अपनी राजनयिक उपस्थिति को फिर से स्थापित किया है। इसके बाद अफगानिस्तान के साथ कई उच्च-स्तरीय संपर्क हुए हैं, जिसमें 15 मई को विदेश मंत्री एस जयशंकर और अपने अफगान समकक्ष आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी। वहीं तालिबान शासन ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी और कहा था कि इस लड़ाई में हम भारत के साथ हैं।
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