ये है मोदी सरकार का 2047 वाला प्लान, 30 ट्रिलियन डॉलर का है लक्ष्य; लेकिन...
नीति आयोग के अनुसार 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह लक्ष्य वास्तविक रूप में कठिन है पर नॉमिनल जीडीपी के आधार पर इसे पहले भी प्राप्त किया जा सकता है। नॉमिनल जीडीपी विकास दर को 12 प्रतिशत बनाए रखने से यह लक्ष्य 18 साल में भी हासिल किया जा सकता है।

राजीव कुमार, नई दिल्ली। नीति आयोग के मुताबिक वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार को 30 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर तक ले जाना होगा। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि वास्तविक रूप में यह काम काफी मुश्किल है, लेकिन नॉमिनल जीडीपी की बात करने पर 30 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को 2047 से पहले ही हासिल किया जा सकता है।
वास्तविक (रियल) जीडीपी की गणना आधार वर्ष (2011-12) के मूल्य पर की जाती है जबकि नॉमिनल जीडीपी को करंट (चालू) मूल्य पर मापा जाता है। उदाहरण के लिए गत वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में जीडीपी की वास्तविक (रियल) विकास दर 6.2 प्रतिशत रही और इस अवधि में जीडीपी का आकार 47.17 लाख करोड़ का रहा। जबकि इस अवधि में जीडीपी की नॉमिनल विकास दर 9.9 प्रतिशत दर्ज की गई और जीडीपी का आकार 84.74 लाख करोड़ का रहा।
19 साल में 25 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी करनी होगी
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने गत शनिवार को कहा कि वर्ष 2028 तक भारत की अर्थव्यवस्था पांच ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी जो अभी 4.1 ट्रिलियन डॉलर की है।
- ऐसे में अगले तीन साल में भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 0.9 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी होगी।
- इस हिसाब से 30 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2028 के बाद अगले 19 साल में 25 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी करनी होगी।
- मतलब हर साल एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक का इजाफा करना होगा।
अर्थशास्त्री इस लक्ष्य को दो तरीके से देख रहे हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पालिसी के पूर्व निदेशक एवं अर्थशास्त्री पिनाकी चक्रवर्ती कहते हैं कि जीडीपी की नॉमिनल दर अगर 12 प्रतिशत रहती है तो अगले छह साल में अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो जाएगा। यानी कि अगर अभी अर्थव्यवस्था का आकार चार ट्रिलियन डॉलर का है तो छह साल बाद यह आठ ट्रिलियन का होगा। फिर उसके अगले छह साल बाद यह 16 ट्रिलियन का हो जाएगा और उसके छह साल बाद यह 32 ट्रिलियन तक चला जाएगा। नॉमिनल जीडीपी विकास दर के हिसाब से अभी से सिर्फ 18 साल में यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनना होगा
भारत का नॉमिनल ग्रोथ रेट 10-11 प्रतिशत चल रहा है, इसलिए यह मुश्किल भी नहीं है। लेकिन हमें यह देखना होगा कि इस जीडीपी का वास्तविक मूल्य (रियल वैल्यू) क्या है।एचडीएफसी बैंक की प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता कहती है कि रियल टर्म में 30 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत को लगातार 7.5-8 प्रतिशत की दर से विकास दर हासिल करना होगा। इस काम के लिए निजी पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी के साथ श्रमिकों की कुशलता, उत्पादकता को बढ़ाने के साथ कारोबार को आसान बनाने के साथ भारत को वैश्विक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनना होगा।
वर्ष 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण में भी कहा गया कि 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए भारत को अगले दो दशक तक आठ प्रतिशत की दर से विकास करना होगा और निवेश में जीडीपी की 35 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी होनी चाहिए। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत के मुताबिक 2047 तक अर्थव्यवस्था को 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लिए कारोबारी नियमों में कमी लाने, जीएसटी को तार्किक बनाने, कर्ज की आसानी सुविधा, निर्माण का वैश्विक हब बनने, अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के साथ पर्यटन के बड़े पैमाने पर बढ़ाने की जरूरत है।

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