हंदवाड़ा छेड़खानी: छात्रा ने खोली सेना के खिलाफ साजिश की कलई
उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में चार लोगों को मौत के मुंह में झोंक चुकी हिंसा सेना को बदनाम करने की साजिश के तहत थी। कुछ स्थानीय युवकों ने ही छात्रा के साथ बद्तमीजी की और अफवाह फैला दी गई कि सेना के जवान ने छेड़छाड़ की है।
जेएनएन, श्रीनगर: उत्तरी कश्मीर के हंदवाड़ा में चार लोगों को मौत के मुंह में झोंक चुकी हिंसा सेना को बदनाम करने की साजिश के तहत थी। कुछ स्थानीय युवकों ने ही छात्रा के साथ बद्तमीजी की और अफवाह फैला दी गई कि सेना के जवान ने छेड़छाड़ की है। इस बात की पुख्ता गवाही वीडियो में कैद छात्रा का बयान है। सेना ने वीडियो जारी कर दी है। हिंसा दूसरे दिन बुधवार को भी जारी रही। 50 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। भीड़ ने एक पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया। अलगाववादियों के आह्वान पर कश्मीर बंद रहा। हंदवाड़ा और कुपवाड़ा के अलावा श्रीनगर के छह थाना क्षेत्रों में प्रशासन ने अप्रिय घटना से निपटने के लिए कफ्र्यू व धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का सहारा लिया।
रक्षा विभाग के प्रवक्ता एनएन जोशी ने बुधवार को कहा कि सेना के किसी जवान द्वारा छेड़छाड़ की कोई घटना नहीं हुई है। इस बात के पुख्ता सुबूत हैं। वीडियो में पुलिस द्वारा पूछताछ पर छात्रा का बयान है। वीडियो को देखने पर स्पष्ट हो जा रहा है कि छेड़छाड़ की कोई घटना नहीं हुई। सेना की अच्छी छवि को खराब करने के लिए कुछ स्थानीय लोगों द्वारा इस तरह की अफवाह फैलाई गई है।
हंदवाड़ा में मंगलवार को कुछ युवकों ने बाजार में सार्वजनिक शौचालय के पास स्कूली छात्रा के साथ सैन्यकर्मियों द्वार छेड़खानी का आरोप लगाया था। गुस्साए लोग ङ्क्षहसा पर उतर आए। उन्होंने सुरक्षाबलों के बंकर को आग लगा दी। सुरक्षाबलों द्वारा आत्मरक्षा के लिए चलाई गई गोली में दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई थी। छह अन्य घायल हो गए थे। अस्पताल में भर्ती महिला राजा बेगम को बचाने के लिए डॉक्टरों ने उसके सिर की शल्य चिकित्सा की, लेकिन नाकाम रहे।
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राजा बेगम ने बुधवार सुबह अस्पताल में दम तोड़ दिया। राजा की मौत की खबर फैलते ही लंगेट-हंदवाड़ा में ङ्क्षहसा का दौर दोबारा शुरूहो गया जो फैलते हुए कुपवाड़ा तक जा पहुंचा। लोग कफ्र्यू और प्रशासनिक पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए सड़क पर उतर आए। उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हुए पुलिस की एक चौकी को भी जला दिया। भीड़ को बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसूगैस और लाठियों का सहारा लिया। इसी दौरान द्रगमुला में जहांगीर अहमद वानी नामक युवक के सिर में आंसूगैस का गोला लगा। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उसी समय निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ ही देर बाद उसने दम तोड़ दिया।
जहांगीर की मौत के बाद स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण हो गई। इस बीच, हुर्रियत समेत विभिन्न अलगाववादियों द्वारा हंदवाड़ा कांड के खिलाफ बंद का पूरी वादी में असर नजर आया। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सड़कों से वाहन भी गायब रहे। सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिकबलों के जवान तैनात थे। बावजूद कई इलाकों में ङ्क्षहसक जुलूस निकले, जिन्हें काबू करने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा।
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साजिश रचने वालों ने थाने में भी छात्रा को पीटा
पूरे घटनाक्रम के केंद्र में रही छात्रा ने मंगलवार को थाने में पूछताछ के दौरान पुलिस को जो बताया, वह इस प्रकार है-'सर, आज हमारे स्कूल की छुट्टी हो गई थी। मैं वहां से गुजरी, मैंने अपनी सहेली को अपना बैग दिया और शौचालय में गई। मैं बाहर आई और वापस अपना बैग लिया। इतने में एक लड़का आया, उसने मुझे थप्पड़ मारा और मेरा बैग छीन लिया। वह लड़का भी स्कूल की वर्दी पहने हुआ था। वह मुझे कहने लगा कि क्या हम कश्मीरी मर गए थे। यह सुनकर मुझे शॉक हुआ। मैंने कहा यह क्या कह रहा है। इतने में वहां बहुत सारे लोग जमा हो गए। वह लड़का कहने लगा कि चलो पुलिस स्टेशन। मैंने वहां एक पुलिस अंकल को देखा। मैंने कहा मैं पुलिस अंकल के साथ ही जाऊंगी। मैंने उससे अपना बैग मांगा, लेकिन उसने मेरा बैग नहीं दिया। हिलाल भाई भी वहां पर था। उसने भी मुझे थप्पड़ मारा और गालियां दी। मैंने कहा कि आप यह क्या कह रहे हो, आप तो हमारे घर आते-जाते हो। आपको तो हमारे घर का पूरा माहौल पता है। फिर भी आप इल्जाम लगाते हो। उसने भी मुझे गालियां दी। लड़के ने मुझे और मारा। पुलिस स्टेशन में आकर उन्होंने मुझे पीटा। यही दोनों वहां थे, मैने किसी और को नहीं देखा, ये लोगों को उकसा रहे थे।
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