कृषि में नई क्रांति, युवाओं को ड्रोन पायलट बनाने की तैयारी; इफको देगा गांवों में युवाओं को प्रशिक्षण
केंद्र सरकार का दानेदार उर्वरकों को पूरी तरह तरल वर्जन में बदलने का लक्ष्य है। इसके लिए बड़ी संख्या में ड्रोन के साथ प्रशिक्षित पायलट की भी जरूरत होगी। अभी तक पांच करोड़ बोतल तरल उर्वरक का उत्पादन हो पाया है। इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है। देश में अभी खेती में प्रयोग होने वाले सिर्फ 12 सौ ड्रोन हैं।

नई दिल्ली, अरविंद शर्मा। ड्रोन के सहारे सीमा पर सिर्फ दुश्मनों की टोह ही नहीं ली जाएगी, बल्कि इसके बदले स्वरूप के जरिए खेती में भी नई क्रांति का आधार तैयार कर लिया गया है। बोतलबंद तरल नैनो यूरिया एवं डीएपी का खेतों में छिड़काव के लिए अग्रणी सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-आपरेटिव लिमिटेड (इफको) ढाई हजार ड्रोन की खरीदारी करेगी।
पांच हजार युवाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित
इसे चलाने के लिए पांच हजार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। साथ ही ड्रोन को खेतों तक ले जाने के लिए तिनपहिया वाहनों की भी खरीदारी की जाएगी। केंद्र सरकार का दानेदार उर्वरकों को पूरी तरह तरल वर्जन में बदलने का लक्ष्य है। इसके लिए बड़ी संख्या में ड्रोन के साथ प्रशिक्षित पायलट की भी जरूरत होगी। अभी तक पांच करोड़ बोतल तरल उर्वरक का उत्पादन हो पाया है। इसमें तेजी से वृद्धि हो रही है।
तरल उर्वरकों का प्रयोग जब बढ़ेगा तो बढ़ानी पड़ेगी ड्रोन की संख्या
देश में अभी खेती में प्रयोग होने वाले सिर्फ 12 सौ ड्रोन हैं। स्पष्ट है कि तरल उर्वरकों का प्रयोग जब बढ़ेगा तो ड्रोन की संख्या भी बढ़ानी पड़ेगी। जरूरत को देखते हुए इफको ने ड्रोन निर्माता कंपनियों से पहले ही करार कर लिया है। इफको ने नैनो खाद, कृषि-ड्रोन के प्रचार, किसानों एवं खेतों को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने के लिए अग्रणी कंपनियों में निवेश भी किया है।
क्या है इफको का उद्देश्य ?
इफको का उद्देश्य कृषि को ब्रांड के रूप में विकसित करना है। तकनीकी जरूरतों, निर्माण प्रक्रिया, गुणवत्ता एवं प्रशिक्षण के लिए मैसर्स ड्रोन फेडरेशन आफ इंडिया की सेवाएं ली जा रही है। संस्था ने मूल्यांकन के बाद बताया है कि इफको द्वारा खरीदे जा रहे कृषि ड्रोन मानकों के अनुरूप हैं। एक ड्रोन प्रति दिन लगभग 20 एकड़ क्षेत्र में नैनो उर्वरकों का छिड़काव कर सकता है।
दसवीं पास बन सकते हैं ड्रोन पायलट
सारी सुविधाएं बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के बाद निशुल्क दिए जाएंगे। किंतु पहले उन्हें चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा। पात्रता दसवीं पास होगी। आनलाइन परीक्षा के बाद उन्हें ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद इफको उनके साथ करार करेगा और खेतों में कम से कम दर में स्प्रे करने के लिए कहा जाएगा। प्रत्येक ड्रोन की कीमत करीब 10 लाख रुपए होगा। तरल उर्वरक की शुरुआत भारत ने की है। आधा लीटर बोतल वाला उर्वरक 45 किलो के बोरे के बराबर काम करता है।
ड्रोन को खेतों तक पहुंचाने की भी व्यवस्था
इफको के प्रबंध निदेशक यूएस अवस्थी ने कहा कि इफको न सिर्फ किसानों के लिए ड्रोन खरीद रहा है, बल्कि खेतों तक ले जाने के लिए एल-5 श्रेणी के 2500 इलेक्टि्रक तिपहिया (लोडर) की खरीदारी भी की जाएगी। ये वाहन पर्यावरण हितैषी हैं, जो रासायनिक उर्वरकों का उपयोग कम करने के साथ पीएम प्रणाम योजना का भी समर्थन करेगा।
इफको द्वारा नैनो उर्वरकों के छिड़काव के लिए कई तरह के स्प्रेयर की भी खरीदारी की जा रही है। आयोटेक वर्ल्ड एविगेशन के दीपक भारद्वाज का कहना है कि कृषि ड्रोन की मांग लगातार बढ़ रही है। कई कंपनियां सामने आ रही हैं।
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