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    New Parliament: हाईटेक सुविधाओं के साथ भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत संगम है नया भव्य संसद भवन

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sun, 28 May 2023 08:35 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई कि नई संसद देश में सशक्तीकरण सपनों को जगाने और उन्हें हकीकत में बदलने का उद्गम स्थल बनेगी। पहले चरण के सांस्कृतिक अनुष्ठान के बाद नए लोकसभा कक्ष में पहला औपचारिक उद्घाटन समारोह हुआ।

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    वैदिक मंत्रोच्चार के साथ लोकसभा कक्ष में स्थापित हुआ सेंगोल (फोटो: एएनआई)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पूजा-हवन, वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सर्वधर्म प्रार्थना के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसदीय इतिहास में रविवार को नया अध्याय जोड़ते हुए नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया।

    देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रंगों की गौरवमयी छटाओं के बीच नई लोकसभा में पवित्र सेंगोल (राजदंड) को स्थापित कर प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक धरोहर को देश के लोकतंत्र की नीति परायणता का प्रतीक बना दिया।

    इस विशिष्ट मौके पर मोदी ने उम्मीद जताई कि नई संसद देश में सशक्तीकरण, सपनों को जगाने और उन्हें हकीकत में बदलने का उद्गम स्थल बनेगी। पहले चरण के सांस्कृतिक अनुष्ठान के बाद नए लोकसभा कक्ष में पहला औपचारिक उद्घाटन समारोह हुआ। इसमें प्रधानमंत्री ने करतल ध्वनियों की गूंज के बीच सांसदों और विशिष्ट अतिथियों के साथ राष्ट्र को संबोधित किया।

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    नए संसद भवन के उद्घाटन के लिए वैदिक अनुष्ठानों का शुभारंभ सुबह साढ़े सात बजे प्रधानमंत्री मोदी के पहुंचने के साथ हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीएम की अगुआनी की। इसके बाद कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पीएम ने दैवीय आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए 'गणपति होमम' किया।

    PM मोदी ने सेंगोल को किया दंडवत प्रणाम

    मोदी ने इसके बाद सेंगोल के सामने झुककर दंडवत प्रणाम किया और फिर इस पवित्र राजदंड को हाथ में लेकर तमिलनाडु के विभिन्न मठों से आए आदिनम (हिंदू मठों के प्रमुख) से आशीर्वाद मांगा। नादस्वरम की धुनों और वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच पीएम मोदी इसके बाद सेंगोल को नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में लेकर गए और लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी के दाहिने ओर इसे एक विशेष खंभे में स्थापित किया।

    सेंगोल स्थापित करने के बाद नए संसद भवन में सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन हुआ। इसमें अलग-अलग धर्मों से जुड़े धर्मगुरुओं और विद्वानों ने अपनी-अपनी पूजा पद्धतियों के अनुसार देश की संसद और लोकतंत्र के लिए मंगल कामना अनुष्ठान किया। इसमें हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, इस्लाम, पारसी आदि धर्मों से जुड़े विद्वान शामिल थे।

    कार्यक्रम में कौन-कौन रहा मौजूद?

    सुबह के पहले चरण के कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी और स्पीकर ओम बिरला के साथ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, अश्विनी वैष्णव, पीयूष गोयल, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

    विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों नई संसद का उद्घाटन नहीं कराने के विरोध में इस समारोह का बहिष्कार किया था।