New Labour Policy: नई श्रम नीति लाने की तैयारी में मोदी सरकार, तीन चरणों में होगी लागू; क्या है पूरा प्लान?
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने श्रमिकों को सार्वभौमिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए श्रम शक्ति नीति 2025 का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना है। नीति तीन चरणों में लागू की जाएगी और इसमें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण शामिल है। सरकार हरित रोजगार को बढ़ावा देगी और एक एकीकृत राष्ट्रीय श्रम डेटा संरचना स्थापित करेगी। मंत्रालय ने मसौदा नीति पर राय मांगी है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने श्रमिकों को सार्वजनिक सार्वभौमिक सुरक्षा प्रदान करने और उनके व्यावसायिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए श्रम शक्ति नीति 2025 का प्रस्ताव रखा है।
यह नीति महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने और देश में एक निष्पक्ष, समावोशी और भविष्य के लिए लेबर इकॉसिस्टम तैयार करके वर्कफोर्स बढ़ाने पर फोकस करेगी। मंत्रालय एक रोजगार सुविधा प्रदाता के रूप में कार्य करेगा और श्रमिकों, प्रशिक्षण संस्थानों और नियोक्ताओं के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करेगा। मसौदे के अनुसार, नीति तीन चरणों में लागू की जाएगी।
इसके अलावा, श्रम मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय श्रम रोजगार नीति कार्यान्वयन परिषद (NLEPIC) नामक एक अंतर-मंत्रालयी निकाय का गठन किया जाएगा, जो तीनों चरणों के लिए निर्धारित लक्ष्यों और समय-सीमाओं की प्रगति पर नजर रखेगा।
योजनाओं के एकीकरण पर सरकार का जोर
इस नीति के प्रमुख हस्तक्षेपों में सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाता बनाना और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, ई-श्रम और राज्य कल्याण बोर्ड के अंतर्गत लाभों का एकीकरण, साथ ही राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और स्किल इंडिया को एक कौशल-रोजगार योजना में एकीकृत करना शामिल है।
हरित रोजगार को बढ़ावा देगी केंद्र सरकार
इस नई नीति के जरिए, सरकार स्व-प्रमाणन और सरलीकृत एमएसएमई रिटर्न के साथ एकल-खिड़की डिजिटल अनुपालन पर ध्यान केंद्रित करेगी। केंद्र सरकार हरित रोजगार को भी बढ़ावा देगी और पारदर्शी निगरानी के लिए अंतर-मंत्रालयी सुसंगतता सुनिश्चित करने के लिए एक एकीकृत राष्ट्रीय श्रम डेटा संरचना स्थापित करेगी।
मंत्रालय ने मसौदा नीति को अंतिम रूप देने और अनुमोदन के लिए कैबिनेट को भेजने से पहले इस पर राय और प्रतिक्रियाएं मांगी हैं।
भारत में श्रम बाजार में संरचनात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है, जो डिजिटलीकरण और हरित बदलावों से प्रेरित है। सरकार सामाजिक सुरक्षा, कौशल विकास, व्यावसायिक सुरक्षा और प्रौद्योगिकी-आधारित शासन को एकीकृत करते हुए एक एकीकृत ढांचे के माध्यम से इस दिशा में कदम उठाने की उम्मीद करती है।
तीन चरणों में लागू होगी नई नीति
पहला चरण वित्तीय वर्ष 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें संस्थागत व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दूसरा चरण, जो संभवतः वित्तीय वर्ष 2027 और 2030 तक चलेगा, सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा खाते, जिला-स्तरीय रोजगार सुविधा प्रकोष्ठों और कौशल-ऋण प्रणाली के राष्ट्रव्यापी क्रियान्वयन पर केंद्रित होगा। तीसरे और अंतिम चरण में संबंधित पहलों का समेकन किया जाएगा।
इस पहल के माध्यम से, सरकार राष्ट्रीय करियर सेवा पोर्टल को भारत के रोजगार के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है, जो समावेशी नौकरी मिलान, प्रमाणपत्र सत्यापन और कौशल संरेखण के लिए तकनीकी आधार के रूप में कार्य करेगा।
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