Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    New Education Policy: छात्रों के सीखने की क्षमता को परखेगा शिक्षा मंत्रालय, NCERT को सौंपा गया जिम्मा

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 16 Oct 2023 09:18 PM (IST)

    आने वाले दिनों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए देश में प्रत्येक जिलों और ब्लाकों में जरूरत को देखते हुए अलग-अलग अभियान चलाए जा सकते हैं। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक अहम पहल की है। इस पहल में सबसे पहले देश भर के स्कूलों में तीसरी छठी और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक करोड़ से ज्यादा छात्रों के सीखने की क्षमता की परख होगी।

    Hero Image
    एक करोड़ से ज्यादा छात्रों के सीखने की क्षमता की होगी परख (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। आने वाले दिनों में स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए देश में प्रत्येक जिलों और ब्लाकों में जरूरत को देखते हुए अलग-अलग अभियान चलाए जा सकते हैं। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर एक अहम पहल की है। इस पहल में सबसे पहले देश भर के स्कूलों में तीसरी, छठी और नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक करोड़ से ज्यादा छात्रों के सीखने की क्षमता की परख होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसका जिम्मा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) से जुड़ी राष्ट्रीय मूल्यांकन एजेंसी 'परख' को सौंपा गया है। 'परख' सभी राज्यों के साथ मिलकर स्टेट एजुकेशन अचीवमेंट सर्वे का आयोजन करेगी। इसके तहत पहला सर्वे तीन नवंबर को देश भर के स्कूलों में आयोजित होगा।

    छात्रों के सीखने की क्षमता की पहचान की जाएगी

    शिक्षा मंत्रालय और एनसीईआरटी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक परख की देखरेख में आयोजित होने वाले इस सर्वे के आधार पर जहां छात्रों के सीखने की क्षमता की पहचान की जाएगी, वहीं इसके आधार पर उनकी जरूरत को देखते हुए नए-नए कार्यक्रम भी तैयार किए जाएंगे। इनमें प्रत्येक ब्लॉक के छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रख कर पूरी योजना तैयार की जाएगी।

    तेजी से चल रहा है नई शिक्षा नीति पर काम

    शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर तेजी तब दिखाई है, जब देश के सभी राज्यों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP ) पर अमल का काम तेजी से चल रहा है। वैसे भी नई शिक्षा नीति का मुख्य फोकस छात्रों को रटने-रटाने के चंगुल से बाहर निकाल उन्हें सीखने और ज्ञान के स्तर पर मजबूत बनाना है। मंत्रालय से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इस सर्वे से न सिर्फ केंद्र को अपनी प्रमुख पहलों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी ,बल्कि राज्य भी और फोकस होकर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर काम कर सकेंगे।

    गुणवत्ता को मजबूत बनाने का अभियान चलेगा

    इसके साथ ही यह पहल शिक्षा मंत्रालय द्वारा हर साल कराए जाने वाले नेशनल अचीवमेंट सर्वे (एनएएस) को आगे बढ़ाने वाला होगा, जिसका आयोजन जिला स्तर पर किया जाता है। इनमें स्कूलों के तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं के छात्र शामिल होते हैं। वहीं इस नए सर्वे के तहत छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर उन सभी क्षेत्रों में गुणवत्ता को मजबूत बनाने का अभियान चलाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर उस क्षेत्र के शिक्षकों को भी विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    ये भी पढ़ें: Jal Shakti Mission: दिव्यांग जनों और महिलाओं-बच्चों के अनुकूल बनेंगे पानी के नल, सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम