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    'सब्जी काटने वाले चाकू से बाइपास सर्जरी नहीं होती', कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर जगदीप धनखड़ का तंज

    उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को महिला पत्रकारों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोकतंत्र में मीडिया के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मीडिया से जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने की अपील की। यह भी कहा कि मीडिया ही लोगों तक पहुंचने का एकमात्र साधन है। उन्होंने अपने खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर भी प्रतिक्रिया दी और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के एक बयान का उल्लेख किया।

    By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 24 Dec 2024 08:10 PM (IST)
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    राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़। ( फाइल फोटो )

    एजेंसी, नई दिल्ली। अपने खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को प्रतिक्रिया दी। महिला पत्रकारों की सभा को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के एक बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ नोटिस को देखिए। आप चौंक जाएंगे।

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    धनखड़ ने आगे कहा कि एक बार चंद्रशेखर ने कहा था कि सब्जी काटने वाले चाकू से बाइपास सर्जरी कभी मत करो। अपने खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह तो सब्जी काटने का चाकू भी नहीं था। मेरा नोटिस जिसने लिखा, उसके चाकू पर जंग लगा हुआ था। जल्दबाजी थी। मैं पढ़कर दंग रह गया। उन्होंने आगे कहा कि मुझे यह जानकार आश्चर्य है कि आप में से किसी ने भी इसे नहीं पढ़ा है। अगर आप पढ़ते तो आपको कई दिनों तक नींद नहीं आती।

    जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाए मीडिया

    जगदीप धनखड़ ने संसद में कामकाज के मूल्यवान घंटों के नुकसान पर भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने मीडिया से जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने और लोकतंत्र में जवाबदेही तय करने की अपील की। महिला पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया लोगों के साथ जुड़ सकता है और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बना सकता है। हमें लोकतंत्र के इन मंदिरों की पवित्रता का सम्मान करने की जरूरत है।

    संसद में सार्थक बहस की कमी

    धनखड़ ने संसद में सार्थक बहस की कमी पर भी दुख्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि क्या आपने पिछले कुछ दशकों में संसद में कोई अच्छी बहस देखी है? क्या आपने सदन में कोई महान योगदान देखा है? हम गलत कारणों से खबरों में हैं। हमने व्यवस्था के साथ रहना सीख लिया है, जो व्यवस्था नहीं केवल अव्यवस्था है। मीडिया लोगों तक पहुंचने का इकलौता साधन है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

    पिछले हफ्ते भी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अविश्वास प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया दी थी। तब उन्होंने कहा था कि व्यक्तिगत रूप से दुख हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना भी साधा और यह भी कहा कि मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाने का उनके पास संवैधानिक अधिकार है। मगर दिन रात सभापति के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है।

    खारिज हो चुका है विपक्ष का नोटिस

    राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव लाने का कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने 10 दिसंबर को नोटिस दिया था। नोटिस में सभापति पर सदन की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण तरीके से चलाने का आरोप लगाया गया था। प्रस्ताव पर विपक्ष के करीब 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे। हालांकि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने विपक्ष के नोटिस को खारिज कर दिया था और कहा था कि इसमें कई खामियां हैं। इसे छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से लाया गया है।

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