नेपाल में सोशल मीडिया बंद होने से भारतीय सिम कार्ड की बढ़ी डिमांड, टूरिस्ट भी घटे
नेपाल में 26 एप पर प्रतिबंध लगने से भारत में भी असर दिख रहा है खासकर उन लोगों पर जिनके रिश्तेदार नेपाल में हैं। इंटरनेट कॉलिंग प्रभावित होने से बातचीत मुश्किल हो गई है और सामान्य कॉलिंग महंगी पड़ रही है। भारतीय सिम कार्ड की मांग बढ़ गई है। बिहार और अन्य राज्यों के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

जागरण टीम, नई दिल्ली। नेपाल में बिगड़े हालात का असर भारत पर भी पड़ रहा है। सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर दिख रहा है, जिनके रिश्तेदार और जान-पहचान वाले नेपाल में रह रहे हैं। दरअसल, नेपाल में 26 एप पर प्रतिबंध लगाए जाने से इंटरनेट कॉलिंग की सेवा प्रभावित हुई है। इस कारण लोगों को बातचीत करना मुश्किल हो गया है।
दूसरा, लोगों को सामान्य कॉलिंग सेवा से बातचीत करनी पड़ रही है, जोकि इंटरनेशनल रोमिंग के चलते महंगी पड़ ही रही है। नेपाल में इंटरनेट मीडिया साइटें बंद होने के बाद भारतीय सिम कार्डों की मांग बढ़ गई है। नेपाल की सीमा भारत के बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बंगाल और सिक्किम से लगती है।
कई लोगों की नेपाल में रिश्तेदारी
बिहार सहित कई राज्यों के लोगों की नेपाल में रिश्तेदारियां हैं। इसके साथ ही रोजगार की तलाश में नेपाल के अनेक लोग भारत में रह रहे हैं। इनका अपने स्वजन से बातचीत का सस्ता और सुलभ माध्यम इंटरनेट मीडिया होता था, लेकिन नेपाल में इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाने से इनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
नेपाल से भारत में कॉल करने पर पांच रुपये प्रति मिनट और भारत से नेपाल कॉल करने पर 12 रुपये प्रति मिनट तक शुल्क देना पड़ रहा है। नेपाल में प्रदर्शन में शामिल शैलेंद्र क्रांति, चांदनी झा एवं राजेश कर्ण करते हैं भारत-नेपाल के बीच वर्षों से कायम बेटी-रोटी के संबंधों पर असर पड़ेगा।
बढ़ी भारतीय सिम कार्डों की मांग
नेपाल में इंटरनेट मीडिया की 26 साइटें बंद होने से भारतीय सीमा से सटे नेपाली क्षेत्रों में यहां के सिम कार्डों की मांग बढ़ गई है। नेपाल के लोग भारत में रहने वाले अपने नाते-रिश्तेदारों व दोस्तों-परिचितों से भारतीय सिम बुक कराने की मांग करने लगे हैं।
सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ड्रोन से निगरानी की जा रही है और सीमावर्ती थानों में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। न केवल राजमार्गों, बल्कि गांवों की पगडंडियों और जंगल मार्गों पर भी चौकसी कड़ी कर दी गई है।
-विकास कुमार, पुलिस अधीक्षक, बलरामपुर
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले की सीमा से लगे नेपाल के बैतड़ी और दार्चुला में भारत की बीएसएनएल सहित एयरटेल और जियो के नेटवर्क बेहतर काम करते हैं। काली नदी से लगभग आठ से दस किलोमीटर क्षेत्र में भारत की संचार कंपनियों के नेटवर्क मजबूत रहते हैं।
बिगड़े हालात देख पर्यटक ठिठके
नेपाल के बिगड़े हालात देख भारतीय पर्यटक ठिठक गए हैं। इस कारण नेपाल जाने वाले पर्यटकों की संख्या में लगभग 70 प्रतिशत तक कमी आई है। नेपाल के त्रिवेणी में प्रतिदिन एक हजार से अधिक पर्यटक जाते थे, जिनकी संख्या घटकर 200 से 300 तक हो गई है। त्रिवेणी में होटल संचालक सुरेश गुप्ता ने बताया कि बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, पडरौना, महराजगंज से पर्यटक आते हैं।
अधिकतर वॉट्सएप से बुकिंग और खाने-पीने की व्यवस्था की जानकारी दे देते थे। पर्यटकों की सुविधा के लिए होटल में वाईफाई है, लेकिन नेपाल के सिम से इंटरनेट मीडिया अकाउंट बंद कर दिए गए हैं। एक तो बिगड़े हालात दूसरा महंगी दर पर अंतरराष्ट्रीय कॉल करने की मजबूरी के चलते पर्यटक आने से ठिठक रहे हैं।
सीमावर्ती जिलों में अलर्ट
नेपाल में सोमवार को काठमांडू सहित अन्य जगहों पर प्रदर्शन का असर उत्तर बिहार के सीमावर्ती जिलों, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बंगाल व असम में भी दिखा। सीमा से सटे मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण व अररिया में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) अलर्ट रहा।
मधुबनी जिले में 48वीं बटालियन जयनगर के अंतर्गत बेतौंहा बीओपी के अधिकृत चेक पोस्ट पर पहचान-पत्र और नागरिकता संबंधी दस्तावेज देखने के बाद ही आने-जाने दिया गया। वाहनों की चेकिंग और कागजात का सत्यापन किया गया। एसएसबी की 42वीं बटालियन के कमांडेंट गंगा सिंह उडावत ने बताया कि फेस रिकग्निशन सिस्टम और आटोमैटिक नंबर प्लेट रीडर जैसे उपकरणों से निगरानी बढ़ाई गई है।
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