मोदी सरकार के दौरान 9 सालों में इन अपराधों में आई 29 फीसद की कमी, NCRB के आंकड़े दे रहे गवाही
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार मोदी सरकार के दौरान संप्रग सरकार की तुलना में भारत अधिक सुरक्षित हुआ है। हत्या दुष्कर्म दहेज हत्या और दंगों जैसे अपराधों में संप्रग सरकार के दौरान 22% की वृद्धि हुई जबकि मोदी सरकार में 29% की गिरावट आई। 2014 में 1.45 लाख केस दर्ज हुए थे जबकि 2023 में 1.02 लाख केस दर्ज हुए।

नीलू रंजन, नई दिल्ली। मोदी सरकार के दौरान संप्रग सरकार की तुलना में भारत अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित हुआ है राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। हत्या, दुष्कर्म, दहेज हत्या और दंगे जैसे संगीन अपराधों में 2004 से 2014 के बीच संप्रग सरकार के दौरान 22 फीसद की बढ़ोतरी हुई, जबकि उसके बाद मोदी सरकार के दौरान इसमें 29 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।
इसी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार हत्या, दुष्कर्म, दहेज हत्या और दंगे के 1.45 लाख केस 2014 में दर्ज किए गए थे, जबकि 2023 में इनमें केवल 1.02 लाख केस ही दर्ज किये गए, जो 2004 में दर्ज 1.18 लाख केस से भी कम है। इसी हफ्ते एनसीआरबी ने भारत में अपराधों का 2023 की रिपोर्ट जारी की है। 2004 में देश में दुष्कर्म के 18,233 मामले दर्ज किये गए, जो 2014 में दोगुना बढ़कर 36,735 हो गए। जबकि एनडीए सरकार के दौरान अगले नौ सालों में इसमें 19 फीसद की गिरावट आई और 2023 में कुल 29,670 मामले दर्ज किये गए।
दहेज हत्या के मामलों का हाल?
दहेज हत्या में भी संप्रग सरकार के दौरान 2004 में 7026 की तुलना में 2014 में 8455 मामले दर्ज किये गए, जो 20 फीसद अधिक है। वहीं मोदी सरकार के दौरान इसमें 27 फीसद की गिरावट आई और 2023 में दहेज हत्या के कुल 6,156 मामले दर्ज किये गए। विपक्ष लगातार मोदी सरकार के दौरान नफरत बढ़ने के आरोप लगाता रहा है। लेकिन एनसीआरबी के आंकड़े दूसरी कहानी कह रहे हैं।
मोदी सरकार में दंगों में आई गिरावट
आंकड़ों के अनुसार संप्रग सरकार के दौरान देश में दंगों की संख्या में 10 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 2004 में 59,971 से बढ़कर 2014 में 66,042 हो गया। वहीं मोदी सरकार के दौरान नौ सालों में इसमें 40 फीसद की बड़ी गिरावट दर्ज की गई और 2023 में दंगे के 39,260 मामले दर्ज किये।
वहीं हत्या के मामले संप्रग सरकार के दौरान लगभग 33,200 के स्तर केआसपास रहा। लेकिन मोदी सरकार आने के बाद इसमें भी 18 फीसद की गिरावट दर्ज की गई और 2023 में हत्या के 27,721 मामले दर्ज किये गए।
माना जा रहा है कि संगीन अपराधों में कमी के पीछे मोदी सरकार के दौरान आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों की अहम भूमिका रही है। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) पूरी तरह से बनकर तैयार है और इसपर 35.24 करोड़ क्राइम रिकार्ड उपलब्ध है, जिन्हें 17,712 पुलिस स्टेशन इस्तेमाल कर सकता है। इसी तरह से 2021 के बाद पुलिस आधुनिकीकरण के लिए राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को 4,846 करोड़ रुपये दिये गए हैं।
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