नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर क्या हुआ था? एयरफोर्स के अधिकारी ने बताई एक-एक बात
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर वायुसेना के एक सार्जेंट ने कहा है कि प्लेटफार्म पर काफी ज्यादा भीड़ बढ़ गई थी। उन्होंने कहा कि मैंने लोगों को इकट्ठा होने से मना किया और घोषणाएं भी की लेकिन लोग नहीं सुन रहे थे। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई है। पीएम मोदी ने भी इस घटना को लेकर दुख जताया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई। इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने दुख जताया है। इस भगदड़ को लेकर नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब एक वायुसेना के अधिकारी ने एक नई जानकारी दी है।
वायुसेना के सार्जेंट ने बताया आंखों देखा हाल
नई दिल्ली से प्रयागराज में महाकुंभ के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की भीड़ और अन्य जगहों पर जाने वालों की भीड़ स्टेशन पर काफी ज्यादा बढ़ गई थी, जिसके बाद भगदड़ होने की बात बताई जा रही है। अब भारतीय वायुसेना के एक सार्जेंट ने बताया है कि, बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए थे और समझाने की घोषणाओं और प्रयासों के बाद भी, भीड़ बेकाबू रही।
उन्होंने कहा, "प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं मान रहे थे। रेलवे स्टेशन पर हमारा त्रि-सेवा कार्यालय है। जब मैं अपनी ड्यूटी के बाद लौट रहा था, तो मैं नहीं जा सका क्योंकि वहां भारी भीड़ थी...
मैंने लोगों को समझाने की कोशिश की और घोषणा भी की और लोगों से बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म पर इकट्ठा होने से बचने की अपील भी की। प्रशासन किसी भी दुर्घटना को रोकने की कड़ी मेहनत कर रहा था, लेकिन कोई नहीं सुन रहा था। मैंने अपने एक दोस्त की मदद से घायलों की मदद की"।
अन्य प्रत्यक्षदर्शियों ने भगदड़ के बारे में दी रुह कंपाने वाली जानकारी
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने इस भगदड़ की भयावहता का जिक्र करते हुए कहा कि भीड़ हद से ज्यादा थी। उन्होंने कहा, "भीड़ काफी ज्यादा थी, लोग फुट ओवर ब्रिज पर जमा थे...इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी। मैंने त्योहारों के दौरान भी रेलवे स्टेशन पर इतनी बड़ी भीड़ कभी नहीं देखी थी। प्रशासन के लोग और यहां तक कि एनडीआरएफ के जवान भी वहां मौजूद थे, लेकिन जब भीड़ सीमा से अधिक हो गई, तो उन्हें नियंत्रित करना संभव नहीं था।"
एलएनजेपी अस्पताल में भगदड़ में अपनी बहन को खोने वाले पीड़ित भाइयों में से एक ने कहा, "हम 12 लोग थे जो महाकुंभ में जा रहे थे। हम सीढ़ियों पर थे... मेरी बहन सहित मेरा परिवार भीड़ में फंस गया था। हमने उसे आधे घंटे के बाद पाया और तब तक वह मर चुकी थी।"
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ट्रेन के प्लेटफार्म बदलने की घोषणा के बाद दोनों तरफ से भीड़ आ गई, जिससे भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा, "भीड़ को नियंत्रित करने वाला कोई नहीं था... घोषणा की गई कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर आने वाली ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आएगी। इसलिए दोनों तरफ से भीड़ आ गई और भगदड़ मच गई... कुछ लोगों को अस्पताल ले जाया गया..."
प्रभावित यात्रियों में से बिहार के पटना निवासी पप्पू ने अपना दुख साझा करते हुए कहा, "मेरी मां की भगदड़ में मौत हो गई। हम घर जा रहे थे।" एनडीआरएफ कमांडेंट दौलत राम चौधरी ने पुष्टि की कि स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, "घायलों को निकाल लिया गया है...हमें स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर भगदड़ की सूचना मिली...हम बचाव अभियान चला रहे हैं..."
बस कुछ ही देर में हो गई पूरी घटना- रेलवे डीसीपी
डीसीपी (रेलवे) केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि अधिकारियों को बड़ी भीड़ की आशंका थी, लेकिन घटना कुछ ही देर में सामने आ गई। उन्होंने एएनआई को बताया, "हमें भीड़ की उम्मीद थी, लेकिन यह सब कुछ ही समय में हो गया और इसलिए यह स्थिति पैदा हुई। इसकी जांच रेलवे द्वारा की जाएगी... लोगों से पूछताछ के बाद, हमें घटना के पीछे का कारण पता चलेगा।"
इस बीच, रेलवे बोर्ड ने रविवार को बताया कि मामले की जांच करने और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ का कारण निर्धारित करने के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
उच्च स्तरीय समिति का हुआ गठन
रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार (ईडी/आईपी) के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने कहा, "मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है... स्थिति नियंत्रण में है और यात्रियों को विशेष ट्रेन से भेजा गया है... रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों की आवाजाही अब सामान्य है।"
कुमार के अनुसार, स्टेशन पर यात्रियों की असामान्य रूप से अधिक संख्या थी, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे को चार अतिरिक्त विशेष ट्रेनें चलाने के लिए प्रेरित किया गया।
रेलवे के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) केपीएस मल्होत्रा के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब बड़ी संख्या में यात्री प्लेटफार्म नंबर एक पर एकत्र हुए थे। प्लेटफार्म 14, जहां पर प्रयागराज एक्सप्रेस खड़ी थी। इसके अलावा, स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी के प्रस्थान में देरी के कारण प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर भीड़ बढ़ गई थी।
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