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    मणिपुर के राज्यपाल से परिसीमन प्रक्रिया स्थगित करने का आग्रह, कई पार्टियां मांग करने में शामिल

    By Rajesh KumarEdited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 13 May 2025 06:00 AM (IST)

    मणिपुर में 11 राजनीतिक दलों ने राज्यपाल से केंद्र से परिसीमन प्रक्रिया को 2026 तक स्थगित करने का अनुरोध करने का आग्रह किया है। उनका तर्क है कि जातीय संघर्ष और सटीक जनगणना आंकड़ों की कमी के कारण परिसीमन संभव नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में मणिपुर में परिसीमन पूरा करने का निर्देश दिया था। दलों ने संभावित उत्पन्न होने वाली समस्याओं को लेकर चिंता जताई है।

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    मणिपुर के राज्यपाल से परिसीमन प्रक्रिया स्थगित करने का आग्रह। फाइल फोटो

    आईएएनएस, इंफाल। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से सोमवार को 11 राजनीतिक दलों ने केंद्र से राज्य में परिसीमन प्रक्रिया को 2026 तक स्थगित करने का अनुरोध करने का आग्रह किया।

    इतने दल शामिल

    इन दलों में एनपीपी, जेडीयू, सीपीआई (एम), आप, एनसीपी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-सपा, क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), शिवसेना (यूबीटी), मणिपुर पीपुल्स पार्टी (एमपीपी) और बसपा शामिल हैं।

    राजभवन के अधिकारी ने बताया कि पार्टी प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपकर संभावित परिसीमन को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कीं। इन दलों के प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्सीमांकन सही जनगणना के आधार पर किया जाना चाहिए। इसे 2026 तक स्थगित किया जाना चाहिए।

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    हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला

    हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और असम में लंबित परिसीमन को अगले तीन महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया था। इन दलों ने कहा, मणिपुर में जातीय संघर्ष को देखते हुए परिसीमन संभव नहीं है।

    अगर मणिपुर में परिसीमन किया जाता है तो समस्या उत्पन्न होने की संभावना है। 2001 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार कुछ पहाड़ी जिलों में जनसंख्या की असामान्य वृद्धि पाई गई थी।

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