पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी भारत की इकोनॉमी, 8 गुना अधिक रक्षा बजट; एक्सपर्ट बोले- ...10 बार सोचेगा PAK
भारत और पाकिस्तान के बीच आर्थिक और सैन्य शक्ति के मामले में किसी भी तरह से कोई तुलना नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से 10 गुना बड़ी है और हमारा रक्षा बजट भी 8 गुना अधिक है। इसके बावजूद रक्षा तैयारियों में कुछ खामियां हैं जिनका पाकिस्तान फायदा उठा सकता है। एक्सपर्ट से जानिए क्या हैं खामियां...
जागरण टीम, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच तरक्की का जो फासला है, उसकी कोई तुलना नहीं की जा सकती है। अर्थव्यवस्था की बात करें तो हमारी अर्थव्यवस्था पाकिस्तान से करीब 10 गुना बड़ी है। हमारी अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। हमारी आबादी बढ़ने की दर करीब दो प्रतिशत है।
इसके हिसाब से हर भारतीय सालाना करीब चार प्रतिशत अमीर हो रहा है। वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था करीब दो प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और उसकी आबादी भी करीब इसी दर से बढ़ रही है। ऐसे में पाकिस्तान के लोग वहीं खड़े हैं उनकी आय नहीं बढ़ रही है।
व्यापार के मामले में कहां खड़ा है पाकिस्तान?
व्यापार की बात करें तो भारत और आयात निर्यात मिलाकर करीब एक खरब डॉलर से ज्यादा है, वहीं पाकिस्तान का व्यापार 100 अरब डॉलर ही है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 700 अरब डॉलर का है और पाकिस्तान के पास सिर्फ करीब 15 अरब डॉलर हैं। वह भी उसने यहां वहां से मांग कर किसी तरह जुटाया है तो अर्थव्यवस्था लें ले या कोई और क्षेत्र दोनों देशों की कोई तुलना नहीं है।
सेना पर कितना खर्च कर रहे हैं दोनों देश?
अब सैन्य शक्ति की बात करें तो यहां एक विरोधाभास है। हमारा रक्षा बजट लगभग 80 अरब डॉलर है। पाकिस्तान का रक्षा बजट लगभग 10 अरब डॉलर है, लेकिन विडंबना यह है कि भारत और पाकिस्तान के पास जिस तरह के हथियार है, उसमें बहुत अंतर नहीं है।
हथियार, रक्षा तकनीक और वायुसेना के मामले में पाकिस्तान कहीं न कहीं भारत की क्षमताओं के आसपास ही है, बहुत दूर नहीं है।
पाकिस्तान की बहुत सोची समझी रणनीति रही है कि सैन्य क्षमता के मामले में हम भारत का मुकाबला कैसे करें। उनके पास एक फायदा यह है कि उनकी पश्चिमी सरहद अशांत तो है, लेकिन पाकिस्तान वहां उस तरह के सैन्य खतरे का सामना नहीं कर रहा है जैसे- हम चीन और अब बांग्लादेश के साथ लगती सीमा पर कर रहे हैं।
रक्षा के लिहाज से हमारी जो चुनौतियां और जिम्मेदारी उसके हिसाब से हमारी पाकिस्तान सेना पर जो बढ़त है, वह भी कम हो जाती है। अब ऐसे में अगर दो मोर्चों पर लड़ना पड़े और अब तो तीन मोर्चे पर लड़ना पड़ सकता है। बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथी सरकार आ गई और वहां हमारे लिए खतरा बढ़ रहा है। ऐसे परिदृश्य में हमारे लिए चुनौतियां बढ़ जाती हैं।
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क्या हैं चुनौतियां और खामियां?
हमको यह स्वीकार करना होगा कि कुछ हमारी खामियां रहीं है क्योंकि अगर हमारा रक्षा बजट पाकिस्तान की तुलना में 10 गुना अधिक है, अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी है तो हमारे पास पाकिस्तान पर निर्णायक बढ़त होनी चाहिए।
ऐसी मिसाइल टेक्नोलॉजी, मिसाइल डिफेंस सिस्टम या दूसरी क्षमताएं होनी चाहिए, जिससे पाकिस्तान खौफजदा हो और हमारे खिलाफ कोई कदम उठाने से पहले उसे दस बार सोचना पड़े।
आज जब पाकिस्तान को जवाब देने का समय है तो हमारी सेना आपात खरीद कर रही है। सवाल उठता है कि इसकी जरूरत क्यों पड़ रही है। यह सब तैयारियां पहले से होनी चाहिए। पाकिस्तान हमारी इन्हीं खामियों का फायदा उठाता है।
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(सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन से बातचीत)
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