नए हैंडसेट की डिमांड से मोबाइल कंपनियों के बिजनेस में आएगा बूम

इस महीने के अंत तक देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं की शुरुआत तो हो जाएगी लेकिन इस सेवा का लाभ उठाने के लिए 10 में से 9 लोगों को नया स्मार्टफोन लेना होगा। ...और पढ़ें
नई दिल्ली, स्कन्द विवेक धर। देश में 5जी दूरसंचार सेवाओं की विधिवत शुरुआत की तैयारियां जोरों से चल रही हैं। देश की प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने शुरुआत के लिए चुनिंदा शहरों के नाम घोषित कर दिए हैं। इस महीने के अंत तक देश की दो सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों रिलायंस जियो और एयरटेल की 5जी सेवाएं आधिकारिक रूप से शुरू हो जाएंगी। लेकिन क्या आपको मालूम है, 5जी सेवाओं का आनंद लेने के लिए हर 10 में से नौ उपभोक्ताओं को नया स्मार्टफोन खरीदना होगा?
5जी दुनिया में उपलब्ध सबसे तेज संचार नेटवर्क है। भारत में फिलहाल 4जी सेवा का दबदबा है, जो क्षेत्र और कनेक्टिविटी के आधार पर 40-50 एमबीपीएस तक की गति देता है। इसके मुकाबले, 5जी 300 एमबीपीएस या इससे भी अधिक की स्पीड देने में समक्ष होगा। लॉन्च के पहले चरण के लिए अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, वाराणसी, चंडीगढ़, दिल्ली, जामनगर, गांधीनगर, मुंबई, पुणे, लखनऊ, कोलकाता, सिलीगुड़ी, गुरुग्राम और हैदराबाद की पहचान की गई है।
देश में करीब 118 करोड़ दूरसंचार उपभोक्ता हैं। मोबाइल फोन की बिक्री पर नजर रखने वाली संस्था काउंटरपॉइंट के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल स्मार्टफोन की संख्या करीब 60 करोड़ है। लेकिन इसमें से 90 फीसदी से अधिक स्मार्टफोन 4जी को ही सपोर्ट करते हैं। 5जी क्षमता वाले स्मार्टफोन्स की संख्या सिर्फ 5 करोड़ है। यानी अन्य 55 करोड़ लोगों को 5जी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए नया हैंडसेट लेना होगा। हालांकि, आम उपभोक्ता की ये परेशानी मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों के लिए बिजनेस का एक बड़ा मौका भी लेकर आई है।
काउंटरपॉइंट की रिसर्च एनालिस्ट शिल्पी जैन कहती हैं, भारत का स्मार्टफोन यूजर बेस 60 करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है। 5जी स्मार्टफोन की पहुंच लगातार बढ़ रही है। 2022 की दूसरी तिमाही में 5जी स्मार्टफोन की बिक्री कुल बिक्री के 29% तक पहुंच गई, जो अब तक का सर्वाधिक है। जैन कहती हैं, 5जी सेवाएं शुरू होने से 5जी हैंडसेट की बिक्री में भी तेजी आएगी। जैन के मुताबिक, स्मार्टफोन की औसत कीमतों में अभी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। 20 हजार रुपए से अधिक मूल्य वाले स्मार्टफोन की कुल बिक्री में हिस्सेदारी 22% को पार कर गई है।
5जी की आने वाली मांग को लेकर मोबाइल फोन निर्माता कंपनियां बेहद उत्साहित हैं। रियलमी इंडिया के सीईओ माधव सेठ ने जागरण प्राइम से कहा कि 5जी हमारी इंडस्ट्री में हाल-फिलहाल में हुआ सबसे उत्साजनक डेवलपमेंट है। हमारा मानना है कि 5जी में पूरे ईकोसिस्टम को जोड़ने की क्षमता है। यही कारण है कि हमने अपना 90% रिसर्च एंड डेवलपमेंट 5जी तकनीकी और डिवाइसेज को समर्पित कर दिया है। सेठ ने कहा कि हमारे 85% उपकरण पहले से ही स्टैंडअलोन 5जी को सपोर्ट करते हैं। अक्टूबर से हमारे 100% उपकरण स्टैंडअलोन 5जी को सपोर्ट करने लगेंगे। हम ओटीए अपडेट भी कर रहे हैं, जिससे यूजर 5जी का अधिकतम फायदा उठा सकें।
इसी तरह, ओप्पो इंडिया के वीपी और आरएंडडी हेड तसलीम आरिफ कहते हैं, हमने यह सुनिश्चित किया है कि हमारे सभी यूजर 5जी सेवाएं शुरू होते ही इसका अनुभव कर सकें। हमारे सभी उपकरण एक गैर-स्टैंडअलोन नेटवर्क पर 5जी को सपोर्ट करते हैं। यूजर सभी ओप्पो 5जी स्मार्टफोन्स पर निर्बाध वीडियो कॉलिंग, क्लाउड पर लैग-फ्री गेमिंग और ब्लेज़िंग-फास्ट डेटा अपलोड और डाउनलोड का अनुभव कर सकते हैं। स्टैंडअलोन 5जी सपोर्ट के लिए भी हमारी टीम बैकएंड पर काम कर रही है।
देश की सबसे बड़ी रिलायंस के चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी ने हाल ही कंपनी की एजीएम में ऐलान किया था कि उनकी कंपनी गूगल के साथ मिलकर एक किफायती 5जी हैंडसेट का निर्माण कर रही है। अगले साल के अंत तक यह फोन बाजार में आ जाने की उम्मीद है। इसे 5जी में एक गेमचेंजर के तौर पर देखा जा रहा है।
कंसल्टेंसी फर्म डेलॉइट की 2022 ग्लोबल टीएमटी (टेक्नाेलॉजी, मीडिया एवं एंटरटेनमेंट, टेलीकॉम) प्रेडिक्शन रिपोर्ट के मुताबिक, 2026 तक देश में स्मार्टफोन की तादाद 100 करोड़ के पार निकल जाएगी। 5जी सेवाएं शुरू होने के बाद नए 5जी हैंडसेट की मांग में तेजी आएगी। 2026 तक देश के स्मार्टफोन बाजार में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी 80% होगी, जो अभी 29% है। हाइस्पीड और गेमिंग खूबियों के चलते लोग 5जी स्मार्टफोन को सबसे तेजी से अपनाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले पांच वर्षों में भारतीय उपभोक्ता 84 करोड़ स्मार्टफोन खरीदेंगे। इसकी कीमत 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक है।
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