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    Maharashtra: शरद-अजित पवार की गुप्त मीटिंग पर शिवसेना बोली, 'भ्रम पैदा करने का यह रोजाना का खेल अब...'

    By Jagran NewsEdited By: Abhinav Atrey
    Updated: Mon, 14 Aug 2023 11:10 AM (IST)

    शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में एनसीपी चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार मुलाकातों पर कहा है कि इससे पवार की छवि खराब हो रही है। सोमवार को सामना ने ने कहा यह देखना मनोरंजक है कि अजित पवार अक्सर (अपने चाचा) शरद पवार से मिल रहे हैं और शरद भी इससे परहेज नहीं कर रहे हैं।

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    शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के सहयोगी हैं शरद पवार (फाइल फोटो)

    मुंबई, एजेंसी। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र सामना में एनसीपी चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार मुलाकातों पर कहा है कि इससे पवार की छवि खराब हो रही है। सोमवार (14 अगस्त) को लिखे गए 'सामना' के एक संपादकीय में कहा गया है कि यह देखना "मनोरंजक" है कि अजित पवार अक्सर (अपने चाचा) शरद पवार से मिल रहे हैं और शरद भी इससे परहेज नहीं कर रहे हैं।

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    इसमें कहा गया है, "ऐसी आशंका है कि बीजेपी के 'चाणक्य' अजित को शरद पवार के मिलने के लिए भेजकर कुछ भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, ऐसी बैठकें शरद पवार की छवि को खराब करती हैं और यह अच्छा नहीं है।"

    शरद,अजित की पुणे में व्यवसायी के घर गुप्त बैठक

    महाराष्ट्र में शिव सेना (शिंदे)-बीजेपी सरकार के साथ बागी एनसीपी विधायकों के ग्रुप के साथ अजित पवार ने हाथ मिला लिया और सरकार में शामिल हो गए। ऐसे में सामना ने ये टिप्पणियां पार्टी प्रमुख शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच पुणे में एक व्यवसायी के आवास पर हुई 'गुप्त' बैठक के दो दिन बाद की है।

    शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस के सहयोगी हैं शरद पवार

    शरद पवार की एनसीपी महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस की सहयोगी है। उन्होंने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर वो अपने भतीजे अजित पवार से मिलते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

    भ्रम पैदा करने का खेल अब लोगों के दिमाग से परे

    मराठी दैनिक सामना ने संपादकीय में कहा, "भ्रम पैदा करने का यह रोजमर्रा का खेल अब लोगों के दिमाग से परे हो गया है। मौजूदा राजनीतिक खेल के कारण लोग सुन्न हो गए हैं।" इसमें कहा गया है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शरद-अजित के बीच बैठकों को हास्यप्रद बताया है। संपादकीय में कहा गया है, "हम इसमें यह कहना चाहेंगे कि महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के अजित पवार के फैसले ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट का सबसे बड़ा मजाक उड़ाया है।"

    संजय शिरसाट ने किया दावा

    विशेष रूप से, शिंदे के समर्थक विधायक संजय शिरसाट ने हाल ही में दावा किया था कि मुख्यमंत्री 24 घंटे काम करते हैं और इसलिए बीमार पड़ गए हैं। इसका जिक्र करते हुए समाना ने कहा, "शिंदे 24 घंटे काम करते हैं, लेकिन इसका असर राज्य में कहीं नहीं दिखता। अगर कभी भी अपना पद खोने के डर से उनकी नींद उड़ गई है तो यह नहीं कहा जा सकता कि वह चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।"

    जब भी शिंदे की नींद टूटती है तो वह अपने पैतृक निवास सतारा चले जाते हैं और कुछ देर आराम करते हैं। दावा किया गया कि सीएम शिंदे के खराब स्वास्थ्य के लिए अजित पवार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसमें आगे दावा किया गया है कि अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद से शिंदे की दिल की धड़कनें बढ़ गई हैं और उनका "दिमाग अस्थिर" हो गया है, साथ ही यह भी कहा गया है कि शरद पवार के साथ अजित पवार की लगातार बैठकों ने भी उनके (शिंदे गुट के) "छोटे दिमाग" को चोट पहुंचाना शुरू कर दिया है।

    अगर शिरसाट के दावे सही हैं, तो...

    सामना ने तंज कसते हुए लिखा है, "अगर शिरसाट के दावे सही हैं, तो शिंदे को आईसीयू में भर्ती कराया जाना चाहिए और (डिप्टी सीएम) देवेंद्र फड़नवीस या अजित पवार से मिलने से दूर रखा जाना चाहिए। शिंदे को मुंबई या ठाणे के किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए।"

    शिवसेना की चुटकी

    शिवसेना ने चुटकी लेते हुए कहा कि सीएम शिंदे की वर्तमान स्थिति के बारे में एक स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया जाना चाहिए। इसे पहले पूर्व सीएम फडणवीस पर भी निशाना साधते हुए सामना ने कहा है कि डिजिटल दुनिया में कुछ भी नहीं छुपता।

    सामना ने कहा, महाराष्ट्र में संभावित राजनैतिक बदलाव की अटकलें तब लगने लगीं जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ दिन पहले राज्य का दौरा किया और शिंदे बीमार पड़ गए। शिंदे गुट को इस बीमारी को गंभीरता से लेना चाहिए। इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र इस तरह की "बीमारी" से उभरेगा, लेकिन हम यह स्पष्ट करते हैं कि राज्य को "किसी तरह के मनोरंजन" के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।