किस स्कूली शिक्षा बोर्ड का कौन सा कोर्स 10 वीं और 12वीं के है समकक्ष, अब एनसीईआरटी करेगा प्रमाणित
सीबीएसई सहित करीब 64 शिक्षा बोर्डों में बंटी देश की स्कूली शिक्षा में किस बोर्ड का कौन सा कोर्स दसवीं और बारहवीं के समकक्ष होगा अब इसका निर्धारण राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) करेगा। शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है। सभी स्कूली शिक्षा बोर्डों के दसवीं और बारहवीं के प्रमाण पत्रों की समकक्षता का निर्धारित सीबीएसई के समकक्ष कोर्सों से की जाएगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सीबीएसई सहित करीब 64 शिक्षा बोर्डों में बंटी देश की स्कूली शिक्षा में किस बोर्ड का कौन सा कोर्स दसवीं और बारहवीं के समकक्ष होगा, अब इसका निर्धारण राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) करेगा। शिक्षा मंत्रालय ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है।
सभी स्कूली शिक्षा बोर्डों के दसवीं और बारहवीं के प्रमाण पत्रों की समकक्षता का निर्धारित सीबीएसई के समकक्ष कोर्सों से की जाएगी। अब तक इसके निर्धारण का जिम्मा भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एओयू) के पास था, जो अलग-अलग विश्वविद्यालयों में चलने वाले कोर्सों की भी समकक्षता निर्धारित करते हैं।
शिक्षा मंत्रालय ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति(एनईपी) आने के बाद बाद स्कूली शिक्षा में पढ़ाई से लेकर सर्टिफिकेशन तक में एकरूपता लाने की दिशा में यह कदम उठाया था। एओयू के पास विश्वविद्यालयों से जुड़े कामों के दबाव को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने स्कूली शिक्षा में समकक्षता निर्धारण का काम एनसीईआरटी को दे दिया है। वैसे भी एनसीईआरटी ही स्कूली शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम भी तैयार करती है। ऐसे में वह इस बात का बेहतर तरीके से मूल्यांकन कर सकती है कि किस शिक्षा बोर्ड के किस कोर्स में क्या पढ़ाया जा रहा है और वह किसके समकक्ष है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इसका सबसे बड़ा लाभ छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिले व नौकरियों के दौरान मिलेगा। उदाहरण के रूप में संस्कृत बोर्ड का कौन सा कोर्स दसवीं के समकक्ष और कौन सा कोर्स 12वीं के समकक्ष है, इसका निर्धारण एनसीईआरटी करेगा। इसकी तेलगु, कन्नड़, ओडिया जैसे बोर्डों के कौन से कोर्स दसवीं और बारहवीं के समकक्ष हैं, इसका भी निर्धारण एनसीईआरटी करेगा।
मंत्रालय के अनुसार, एनसीईआरटी जल्द ही इसके लिए एक ढांचा तैयार करेगा। इसके बाद देश के सभी बोर्डों के कोर्सों की समतुल्यता निर्धारित होगी। एनसीईआरटी की ओर दी गई समतुल्यता देशभर में मान्य होगी। यह सभी स्कूली बोर्डों के बीच स्वत: परस्पर समतुल्यता प्रदान करेगी। जिससे देशभर के छात्रों का सभी स्कूली बोर्डों के बीच सहज स्थानांतरण भी सुनिश्चित हो सकेगी।
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