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    नक्सल कमांडर हिड़मा ने लव लेटर से किया था प्रपोज, 2 साल का इंतजार और शुरू हुई कहानी... फिर 'लव स्टोरी' का खूनी अंत

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 07:57 PM (IST)

    नक्सली कमांडर हिड़मा, जो अपनी क्रूरता के लिए जाना जाता है, ने एक महिला नक्सली को प्रेम पत्र के माध्यम से प्रपोज किया। स्वीकृति के लिए उसे दो साल इंतजार करना पड़ा। उनकी प्रेम कहानी शुरू तो हुई, लेकिन नक्सली जीवन के खतरों के कारण इसका दुखद अंत हुआ।

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    यह प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर AI से बनवाई गई है।

    जागरण टीम, सुकमा। नक्सलियों के खिलाफ दक्षिण बस्तर में लगातार ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। कैंप खोले जा रहे हैं। इसकी का नतीजा है कि नक्सलियों पर भारी दबाव बन रहा है, जिसके चलते सैकड़ों की संख्या में नक्‍सली समर्पण कर चुके हैं तो वहीं खून-खराबा और हिंसा फैलाने को आतुर नक्सलियों को सुरक्षाकर्मी एनकाउंटर में ढेर कर रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार सुबह सुरक्षाकर्मियों ने डेढ़ करोड़ का इनामी माड़वी हिड़मा और उसकी पत्‍नी राजे को एक एनकाउंटर में मार गिराया।

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    नक्सली माड़वी हिड़मा और उसकी पत्नि राजे का एनकाउंटर सीमावर्ती क्षेत्र में आंध्र पुलिस ने किया। गुरुवार सुबह दोनों के शव उनके पैतृक गांव पहुंचे हैं। इसके बाद से हिड़मा और राजे की लव स्‍टोरी की चर्चा हो रही है।

    पूवर्ति निवासी हिड़मा और वीराभट्टी की रहने वाली राजे दोनों के बीच पहले प्रेम हुआ, उसके बाद शादी हुई। नक्सली हिड़मा और राजे की मुलाकात एक नक्‍सली बैठक के दौरान हुई थी। बैठक में राजे को देखते ही हिड़मा उस पर फिदा हो गया था। प्रेम पत्र लिखकर राजे को शादी के लिए प्रपोज किया है, लेकिन राजे ने इनकार कर दिया। हालांकि, बाद में दोनों ने शादी कर ली। आज दोनों का गांव में एक साथ अंतिम संस्कार हुआ।

    हिड़मा और राजे की लव स्‍टोरी

    साल 2008 की बात है। देश में नक्‍सलवाद अपने चरम पर था। नक्‍सली युवाओं को बहला-फुसलाकर और ब्रेनवॉश करके खून-खराबा करने के लिए अपने गुट में शामिल कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक, हिड़मा और राजे दोनों ने करीब-करीब एक ही समय पर नक्‍सल की दुनिया में कदम रखा था। दोनों अलग-अलग जिम्मेदारी निभाते थे। उन्‍हीं दिनों हिड़मा और राजे की मुलाकात एक नक्सली बैठक में हुई थी।

    हिड़मा का दिल राजे पर आ गया। उसने एक पत्र लिखकर राजे तक पहुंचाया, जिसमें प्रेम का इजहार था और शादी का प्रपोजल, लेकिन राजे ने शादी का प्रपोजल ठुकरा दिया। हिड़मा ने हार नहीं मानी। राजे को मनाने की लगातार कोशिश करता है। आखिर में दो साल बाद राजे ने शादी के लिए हां कर दी। इसके बाद हिड़मा ने संगठन के आला नेताओं से बात कर 2010 में राजे से शादी कर ली।

    Mandawi Hindma

    बहू को देखकर भड़क गई थी मां

    ग्रामीणों ने बताया कि साल 2018 में माड़वी हिड़मा जब पत्‍नी के साथ अपने गांव पूवर्ति पहुंचा तो उसकी पत्नी राजे ने लाल जोड़ा नहीं, काली नक्सली वाली ड्रेस पहनी थी। हिड़मा की मां पोज्जे बहू और बेटे को देखते ही भड़क गई थी। दोनों को जमकर लताड़ लगाई थी। बाद में दोनों की शादी को स्वीकार कर लिया था।

    ग्रामीणों ने आगे बताया कि हिड़मा गांव पूवर्ति सिर्फ अपनी राजे को दिखाने के लिए आया था। उससे पहले कई साल और उसके बाद वह कभी गांव नहीं आया। दो-तीन साल पहले गांव से दूर जंगल में कुछ ग्रामीणों और परिजनों से मुलाकात की थी। परिजनों और गांव वालों की हिड़मा और राजे से वही आखिरी मुलाकात थी। उसके बाद दोनों की मौत सूचना आई और गुरुवार सुबह दोनों के शव गांव पहुंचे।

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    पत्नी ने समर्पण के लिए मनाया, पर हिड़मा नहीं

    ग्रामीणों ने बताया कि शादी के बाद दोनों एक साथ रहते थे। सुरक्षाकर्मियों ने जब नक्सलियों के खात्मे की ठान ली तो पत्नी राजे ने कई बार हिड़मा को आत्मसमर्पण करने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन हिड़मा नहीं माना। वह लगातार सुरक्षाकर्मियों को चकमा देता रहा। आखिरकार दोनों को ढूंढकर सुरक्षा बल ने गोलियों से भून डाला। 

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