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    'समुद्री हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध' नौसेना प्रमुखों के सम्मेलन में बोले एडमिरल दिनेश त्रिपाठी

    नई दिल्ली स्थित नौसेना भवन में पूर्व नौसेना प्रमुखों के एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि नौसेना किसी भी समय कहीं भी और किसी भी तरह से भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना जारी रखेगी। नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि इन पूर्व प्रमुखों को तकनीकी सामग्री और परिचालन रसद और परिचालन को लेकर अपडेट दिया गया।

    By Jagran News Edited By: Swaraj Srivastava Updated: Sun, 09 Feb 2025 10:00 PM (IST)
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    नौसेना भवन में आयोजित हुआ सम्मेलन (फोटो: पीटीआई)

    पीटीआई, नई दिल्ली। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि नौसेना किसी भी समय, कहीं भी और किसी भी तरह से भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना जारी रखेगी। हम आपकी शानदार विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारतीय नौसेना भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना जारी रखेगी।

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    नौसेना ने एक बयान में कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य, सम्मेलन में शामिल हुए आठ पूर्व नौसेना प्रमुखों के सामूहिक अनुभव और ज्ञान से लाभ उठाना है।

    तकनीकी को लेकर दिया अपडेट

    नौसेना के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि इन पूर्व प्रमुखों को नौसेना की नीतिगत पहल, तकनीकी, सामग्री और परिचालन रसद और परिचालन को लेकर अपडेट दिया गया।

    बयान में नौसेना प्रमुख के हवाले से कहा गया, 'हम आपकी शानदार विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और भारतीय नौसेना भारत के समुद्री हितों की रक्षा करना जारी रखेगी, किसी भी समय, कहीं भी, किसी भी तरह।'

    किताब का हुआ विमोचन

    • विशेषज्ञों ने इस बात पर जोर दिया कि आधुनिक तकनीकों और रणनीतिक नवाचारों को अपनाकर भारतीय नौसेना को एक शक्तिशाली और आत्मनिर्भर समुद्री बल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
    • भारतीय नौसेना प्रमुखों का सम्मेलन 2025, संस्थागत निरंतरता और रणनीतिक सोच के महत्व को दर्शाता है। सम्मेलन में एक सत्र 'मंथन' का आयोजन किया गया, जिससे उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य और युद्ध और समुद्री रणनीति के भविष्य चर्चा हुई।
    • सम्मेलन में 'लीगेसी ऑफ लीडरशिप: नेवल चीफ्स थ्रू टाइम' नामक पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसमें पूर्व नौसेना प्रमुखों से जुड़ी प्रेरक घटनाओं का वर्णन किया गया।

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