नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में कौन सा राज्य सबसे आगे? शिक्षा मंत्रालय करेगा जांच
एनईपी के अमल के पांच साल बाद शिक्षा मंत्रालय इसकी जांच करेगा कि नीति की सिफारिशों को किन राज्यों और उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपनाया है। मंत्रालय नीति के अमल में पिछड़े संस्थानों और राज्यों को मदद देगा। उच्च शिक्षण संस्थानों से रिपोर्ट मांगी गई है और राज्यों से बालवाटिका और नई पाठ्यपुस्तकों को शुरू करने पर विवरण देने को कहा गया है।

अरविंद पांडेय, जागरण। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी ) के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव को जो सपना देखा गया है वह नीति के अमल के अपने पांच साल बाद कहां पहुंची। उसकी कितनी सिफारिशों को किन राज्यों और उच्च शिक्षण संस्थानों ने अपनाया। किस-किस ने नहीं अपनाया। केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय अब इसकी पूरी जांच पड़ताल करेगा। साथ ही नीति के अमल में पिछड़े संस्थानों व राज्यों की पहचान कर उन्हें इसके अमल में जरूरी मदद भी देगा।
केंद्र सरकार ने एनईपी को जुलाई 2020 में लागू किया गया था। शिक्षा मंत्रालय ने नीति के अमल को परखने के लिए बिंदुवार एक ब्यौरा तैयार किया है। जिसमें नीति से जुड़ी उन प्रमुख सिफारिशों को शामिल किया गया है, जिनके जरिए शिक्षा में बड़े सुधार के दावे किए जा रहे है। इनमें उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई को बीच में कभी भी छोड़ने और शुरू करने वाली मल्टीपल एक्जिट व इंट्री की व्यवस्था, सभी कोर्सों को क्रेडिट फ्रेमवर्क के दायरे में लाना, स्किल मै¨पग व भारतीय ज्ञान परंपरा को अपनाने जैसी प्रमुख सिफारिशें शामिल है।
उच्च शिक्षण संस्थानों ने दी रिपोर्ट
मंत्रालय का दावा है कि केंद्रीय सहायता प्राप्त करीब 134 उच्च शिक्षण संस्थानों ने इन सभी बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट दे दी है, बाकी संस्थानों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। जिन संस्थानों ने जानकारी दे दी है, वहां उनके दावों के आधार पर पड़ताल कराई जा रही है। मंत्रालय के मुताबिक इस जांच पड़ताल का काम तीन महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। राज्यों से भी इसी तरह नीति के अमल को लेकर बिंदुवार ब्यौरा देने को कहा गया है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कितना हुआ काम?
इनमें किन राज्यों में अपने यहां बालवाटिका या प्री-प्राइमरी को शुरू किया है। कितने स्कूलों अब तक बालवाटिका की भी कक्षाएं शुरू हो गई है। कितने में होना बाकी है। इसके साथ ही नीति के तहत स्कूलों के लिए तैयार की गई नई पाठ्यपुस्तकों को अब तक कितने राज्यों ने पढ़ाना शुरु कर दिया है। इनमें बालवाटिका स्तर के लिए तैयार किया जादुई पिटारा भी शामिल है। वहीं स्किलिंग आदि की पढ़ाई कितने स्कूलों में शुरू हो गई है आदि का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है।
नई नीति के अमल को परखना
मंत्रालय के मुताबिक, इसका उद्देश्य नीति के अमल को परखना है। साथ ही ऐसे राज्यों, उच्च शिक्षण संस्थान और स्कूलों की पहचान भी करना है, जो इसके अमल में पीछे है या शुरू नहीं किया है। इसके आधार पर इनमें नीति की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। गौरतलब है कि एनईपी को केरल , तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनाया है।
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