'धार्मिक छुट्टियों में सभी बच्चों का समान अधिकार,' राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बिहार में त्यौहारों की छुट्टी को लेकर कहा
बिहार सरकार पर स्कूलों में हिंदू त्यौहारों की छुट्टियां कम करने और उसकी जगह मुस्लिम त्यौहारों की छुट्टियां बढ़ाने का आरोप है और विपक्ष ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना लिया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार संधि का हस्ताक्षरकर्ता है और उसके तहत बच्चों को दिये गए सहभागिता के अधिकार के संरक्षण की जिम्मेदारी है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार के स्कूलों में छुट्टियों में धार्मिक आधार पर भेदभाव के मुद्दे को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है। बिहार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए आयोग ने सभी बच्चों को धार्मिक उत्सव मनाने का समान अवसर उपलब्ध कराने को कहा है और सात दिन के भीतर इसकी क्रियान्वयन रिपोर्ट मांगा है।
बिहार सरकार पर स्कूलों में हिंदू त्यौहारों की छुट्टियां कम करने और उसकी जगह मुस्लिम त्यौहारों की छुट्टियां बढ़ाने का आरोप है और विपक्ष ने इसे राजनीतिक मुद्दा बना लिया है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार संधि का हस्ताक्षरकर्ता है और उसके तहत बच्चों को दिये गए सहभागिता के अधिकार के संरक्षण की जिम्मेदारी है।
इसके अलावा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पोस्को और जुलेलाइन जस्टिस कानून से जुड़े मामलों की निगरानी के साथ ही मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के उचित क्रियान्वयन की निगरानी की जिम्मेदारी है।
बिहार के कई स्कूलों में छुट्टी किये जाने पर नोटिस
बिहार सरकार का छुट्टियों में धार्मिक आधार पर भेदभाव अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार संधि के साथ-साथ आरटीई का भी उल्लंघन है। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सात दिन के भीतर यदि जवाब नहीं मिलता है तो आयोग उन्हें तलब करने के लिए समन भी भेज सकता है। इसके पहले भी आयोग बिहार के किशनगंज और अन्य सीमावर्ती इलाकों के स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार की छुट्टी किये जाने पर नोटिस भेज चुका है।

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