नासा के एक्सिओम-4 मिशन के लिए रवाना हुए शुभांशु शुक्ला, ISS जाने वाले बनेंगे पहले भारतीय; 14 दिन में करेंगे 60 तरह के प्रयोग
शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम स्पेस के वाणिज्यिक मिशन के तहत तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। वह राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री हैं, और आईएसएस जाने वाले पहले भारतीय हैं। स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से फ्लोरिडा से रवाना हुए शुक्ला आईएसएस पर 14 दिन बिताएंगे।
उड़ान से पहले शुक्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अपने देश की एक पूरी पीढ़ी की जिज्ञासा को जगा पाएंगे (फोटो: एएनआई)
पीटीआई, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए शुभांशु शुक्ला की उड़ान के साथ ही 140 करोड़ भारतीयों का स्वाभिमान सातवें आसमान पर पहुंच गया। शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित वाणिज्यिक मिशन के तहत बुधवार को तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आईएसएस के लिए रवाना होकर इतिहास रच दिया।
स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट ने दोपहर 12.01 बजे एक्सिओम मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी, जिसका दुनिया भर के लोगों ने स्वागत किया। शुक्ला के माता-पिता लखनऊ स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल में इस ऐतिहासिक उड़ान के गवाह बने। इसी स्कूल से शुक्ला ने पढ़ाई की है।
आईएसएस जाने वाले पहले भारतीय
पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा के 41 साल बाद किसी भारतीय की यह यात्रा हो रही है। राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के एक वर्ष बाद 1985 में जन्मे शुभांशु दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बन गए हैं। शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री होंगे।
राकेश शर्मा 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सैल्यूट-7 अंतरिक्ष स्टेशन के तहत कक्षा में आठ दिन रहे थे। प्रक्षेपण के 10 मिनट बाद अंतरिक्ष यात्रियों ने धरती का चक्कर काटना शुरू कर दिया, जिसके बाद शुक्ला ने अपने संदेश में कहा कि 41 साल बाद भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा में वापसी। करीब 28 घंटे की यात्रा के बाद चारों अंतरिक्ष यात्री भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेंगे।
नासा के एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा
- शुभांशु शुक्ला अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री पूर्व मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, हंगरी के अंतरिक्ष यात्री टिबोर कपू एवं पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा हैं। यह मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए मानव अंतरिक्ष यान की ओर वापसी को साकार करेगा। कक्षा में पहुंचने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने नए कैप्सूल का नाम ग्रेस बताया।
- स्पेसएक्स ने चालक दल को बताया- जो धैर्य रखते हैं, उनके साथ अच्छी चीजें होती हैं। ग्रेस के पहले चालक दल को ईश्वर का आशीर्वाद मिले। अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 14 दिन बिताएंगे और अपने मिशन के दौरान 60 प्रयोग करेंगे। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में सात भारत-केंद्रित अध्ययन करेंगे।
- उड़ान से पहले शुक्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि वह अपने देश की एक पूरी पीढ़ी की जिज्ञासा को जगा पाएंगे और नवाचार को बढ़ावा दे पाएंगे। उन्होंने कहा, मैं वास्तव में मानता हूं कि भले ही मैं एक व्यक्ति के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा कर रहा हूं, लेकिन यह 140 करोड़ भारतीयों की यात्रा है।
आम का रस, करी-चावल साथ ले गए
अंतरिक्ष यात्रियों को आमतौर पर हल्का सामान लेकर यात्रा करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, एक्सिओम मिशन के अंतरिक्ष यात्री अपने देश से जुड़ा पसंदीदा खाद्य पदार्थ भी ले जा रहे हैं, जैसे कि आम के रस के साथ भारतीय करी और चावल, हंगरी का मसालेदार पेपरिका पेस्ट और पोलैंड का फ्रीज-फ्राइड 'पिरोगी'। शुभांशु शुक्ला अपने साथ कुछ स्वादिष्ट भारतीय मिठाइयां ले जा रहे हैं।
उड़ान भरने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में बहुत सारा खाना होगा। लेकिन, मैं अपने साथ आम का रस, गाजर का हलवा और मूंग दाल का हलवा ले जाऊंगा, ताकि मैं इसे आइएसएस पर मौजूद साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ साझा कर सकूं।
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