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    मोदी सरकार अनुसंधान और इनोवेशन को देगी बढ़ावा, 1 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 10:47 PM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में अनुसंधान विकास और इनोवेशन के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। यह निर्णय देश को आत्मनिर्भर बनाने आर्थिक सुरक्षा और रणनीतिक उद्देश्यों से जुड़े क्षेत्रों में अनुसंधान और इनोवेशन को बढ़ावा देगा। इस फंड के माध्यम से क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्रीन एनर्जी जैसे उभरते क्षेत्रों को वित्तीय सहायता मिलेगी।

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    पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली गर्वनिंग काउंसिल तैयार करेगी विस्तृत रूपरेखा। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अनुसंधान, विकास एवं इनोवेशन के लिए अब वित्तीय समस्या नहीं रहेगी। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में अनुसंधान, विकास व इनोवेशन (आरडीआइ) के लिए एक लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई। पिछले साल जुलाई में पेश बजट में इसकी घोषणा की गई थी।

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    इस घोषणा के बाद अब उभरते हुए सेक्टर जैसे कि क्वांटम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्रीन एनर्जी आदि में इनोवेशन व अनुसंधान के लिए पर्याप्त वित्तीय मदद मिल सकेगी। देश को आत्मनिर्भर बनाने, आर्थिक सुरक्षा एवं रणनीतिक उद्देश्यों से जुड़े सभी सेक्टरों को इस फंड के जरिए अनुसंधान व इनोवेशन के लिए सहायता दी जाएगी। डीप टेक के लिए फंड आफ फंड्स बनाया जाएगा।

    पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली गर्वनिंग काउंसिल तैयार करेगी विस्तृत रूपरेखा

    इस आरडीआइ स्कीम की विस्तृत रूपरेखा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की गवर्निंग काउंसिल तैयार करेगी। इस एक लाख करोड़ के फंड से मुफ्त या फिर बेहद कम ब्याज पर अनुसंधान व इनोवेशन के लिए सहायता मिलेगी। स्कीम के दिशा-निर्देश भी एएनआरएफ तय करेगा और दूसरे स्तर के फंड मैनेजर भी एएनआरएफ की तरफ से प्रस्तावित किए जाएंगे।

    फंडिंग के होंगे दो स्तर

    फंडिंग के दो स्तर होंगे। पहले स्तर के तहत एएनआरएफ में एक स्पेशल परपज फंड (एसपीएफ) का गठन होगा जिसके अधीन पूरा फंड होगा। इस एसपीएफ फंड से दूसरे स्तर के फंड मैनेजर को राशि आवंटित की जाएगी। उन्हें यह राशि लंबे समय के लिए मामूली ब्याज पर दी जाएगी। ये दूसरे स्तर के फंड मैनेजर ही स्टार्टअप्स व अन्य निजी सेक्टर को काफी कम ब्याज पर या बिना ब्याज के वित्तीय मदद देने का काम करेंगे। विज्ञान व तकनीकी विभाग आरडीआइ स्कीम के अमल के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा।

    पिछले साल जुलाई में पेश बजट में सरकार ने अनुसंधान व इनोवेशन के लिए एक लाख करोड़ की राशि देने की घोषणा तो कर दी थी, लेकिन यह तय नहीं था कि यह राशि किस प्रकार के इनोवेशन व अनुसंधान के लिए दी जाएगी। अब तक निजी सेक्टर या स्टार्टअप्स की यह शिकायत रहती थी कि सरकार अनुसंधान एवं विकास और इनोवेशन पर अन्य देशों के मुकाबले कम खर्च करती है।

    इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु में एनएच-87 के परमकुडी-रामनाथपुरम खंड के चार लेन के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की है। इस पर 1,853 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

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