Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Salary Hike के बदले शारीरिक शोषण करना चाहता था IAS अधिकारी, पुलिस ने बिठा दी SIT जांच, FIR भी दर्ज

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Sat, 12 Apr 2025 05:49 PM (IST)

    नागालैंड पुलिस ने IDAN में कार्यरत IAS अधिकारी पर महिला कर्मचारियों के यौन और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए SIT बनाई और FIR दर्ज की। NSCW की शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में अपराध के सबूत मिले। 2021 में भी इस अधिकारी पर नाबालिग लड़कियों से छेड़छाड़ का मामला चल रहा है जो कोर्ट में है। SIT अब पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।

    Hero Image
    नागालैंड पुलिस ने IAS अधिकारी के खिलाफ FIR दर्ज की, SIT गठित। (फोटो सोर्स- IDAN)

    आईएएनएस, कोहिमा। नागालैंड पुलिस ने इन्वेस्टमेंट एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ नागालैंड (IDAN) में काम करने वाली कई महिला कर्मचारियों द्वारा एक IAS अधिकारी पर यौन और मानसिक उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई है और एक FIR दर्ज की है। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नागालैंड राज्य महिला आयोग (NSCW) की अध्यक्ष नगिनयेह कोन्याक ने 17 मार्च को पुलिस महानिदेशक (DGP) को लिखित शिकायत दी थी। इससे पहले 27 फरवरी को IDAN के चेयरमैन अबू मेथा ने इस IAS अधिकारी के खिलाफ मौखिक शिकायत की थी। अबू मेथा मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के सलाहकार भी हैं।

    संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत है आरोपी

    आरोपी IAS अधिकारी IDAN, कोहिमा में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत हैं। हालांकि, उन्होंने महिला कर्मचारियों द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है। NSCW ने DGP को लिखित शिकायत देने से पहले पीड़ित महिलाओं के बयान दर्ज किए थे, जो IDAN में काम करती हैं। IDAN में काम करने वाली कई महिलाओं ने आरोप लगाया है कि IAS अधिकारी ने वेतन वृद्धि और अन्य लाभों के बदले शारीरिक संबंध की मांग की थी।

    शिकायत मिलने के बाद, पुलिस मुख्यालय ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के प्रावधानों के तहत 25 मार्च को एक महिला डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (DSP) की अगुवाई में प्रारंभिक जांच शुरू की। इस महिला अधिकारी ने जांच पूरी की और 1 अप्रैल को DGP को अपनी रिपोर्ट सौंपी।

    जांच में सामने आए गंभीर तथ्य

    अधिकारी ने बताया कि महिला DSP की रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 75 और 79 के तहत यौन उत्पीड़न का अपराध होने के संकेत मिले। यह एक संज्ञेय अपराध है, जिसके लिए गहन आपराधिक जांच की जरूरत है। रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि आरोपों की पूरी सच्चाई और दायरे को जानने के लिए आगे की जांच की जाए। इसके बाद सरकार ने एक वरिष्ठ IPS अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई। 5 अप्रैल को चार अन्य अधिकारियों को भी SIT में शामिल किया गया।

    वर्तमान में इस मामले की जांच चल रही है और पुलिस टीम आरोपों के हर पहलू की पड़ताल कर रही है। 4 अप्रैल को IAS अधिकारी को IDAN में उनकी आधिकारिक ड्यूटी से मुक्त कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि जांच में सभी तथ्यों को ध्यान से देखा जा रहा है ताकि सच्चाई सामने आ सके।

    इस बीच, यह भी पता चला कि 2021 में इसी IAS अधिकारी पर एक और गंभीर आरोप लगा था। उस समय वह नोक्लाक जिले के डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात थे। उन पर अपनी आधिकारिक रिहायश पर नौकरानी के तौर पर काम करने वाली दो नाबालिग लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगा था।

    पुराना मामला भी कोर्ट में चल रहा

    2021 के मामले में विस्तृत जांच के बाद 2 दिसंबर 2021 को तुएनसांग में POCSO एक्ट के तहत विशेष जज की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। चार्जशीट देखने के बाद कोर्ट ने आरोपों का संज्ञान लिया और मुकदमा शुरू किया। पुलिस के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, यह मामला अभी तुएनसांग में ट्रायल के दौर से गुजर रहा है। अब तक 50 में से 34 अभियोजन पक्ष के गवाह अपनी गवाही दे चुके हैं।

    नागालैंड पुलिस और SIT अब नए मामले की जांच में जुटी है। यह देखना बाकी है कि जांच के बाद क्या नतीजे सामने आते हैं और IAS अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है। फिलहाल, पुलिस ने कहा कि वह दोनों मामलों को गंभीरता से ले रही है।

    IAS अधिकारी ने अभी तक नए आरोपों पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है, लेकिन उन्होंने इन्हें गलत बताया है। दूसरी ओर, पीड़ित महिलाओं और NSCW की ओर से लगातार इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है।

    यह भी पढ़ें: बिना राज्यपाल की मंजूरी के कानून बन गए 10 विधेयक, सुप्रीम कोर्ट को क्यों सुनाना पड़ा ऐसा फैसला?