Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजादी से बाद से केवल 18 मुस्लिम महिलाएं पहुंचीं लोकसभा, रशीद किदवई की किताब में चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Sun, 20 Jul 2025 09:30 PM (IST)

    लोकसभा में मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम रहा है। आजादी के बाद से 18 लोकसभाओं में केवल 18 मुस्लिम महिलाएं ही सदन में पहुंची हैं जिनमें से 13 राजनीतिक परिवारों से हैं। रशीद किदवई और अंबर कुमार घोष की आगामी पुस्तक मिसिंग फ्रॉम द हाउस- मुस्लिम वीमेन इन द लोकसभा में इन महिलाओं की कहानी है।

    Hero Image
    'मिसिंग फ्रॉम द हाउस- मुस्लिम वीमेन इन द लोकसभा' किताब में दर्ज आंकड़ा (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हमेशा कम रहा है, लेकिन मुस्लिम महिलाओं के मामले में तो स्थिति और दयनीय है। आजादी के बाद से गठित 18 लोकसभाओं में केवल 18 मुस्लिम महिलाएं ही इस सदन में पहुंच पाई हैं। खास बात यह है कि इन 18 मुस्लिम महिलाओं में से 13 राजनीतिक परिवारों से हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन 18 मुस्लिम महिलाओं की कहानी रशीद किदवई और अंबर कुमार घोष द्वारा लिखी गई एक आगामी पुस्तक 'मिसिंग फ्रॉम द हाउस- मुस्लिम वीमेन इन द लोकसभा' में दर्ज की गई है। किदवई कहते हैं कि वह निचले सदन में पहुंची 20 मुस्लिम महिलाओं का विवरण दर्ज करना चाहते थे, लेकिन उनमें से दो- सुभाषिनी अली और अफरीन अली ने खुले तौर पर घोषणा की थी कि वे इस्लाम का पालन नहीं करतीं।

    पांच बार लोकसभा में एक भी मुस्लिम महिला सदस्य नहीं

    पुस्तक के अनुसार, 1951-52 में हुए पहले संसदीय चुनावों के बाद से केवल 18 मुस्लिम महिलाएं ही लोकसभा में पहुंच पाई हैं। यह एक चौंकाने वाला और बहुत ही कम आंकड़ा है क्योंकि भारत की 146 करोड़ आबादी में मुस्लिम महिलाएं लगभग 7.1 प्रतिशत हैं। 2025 तक गठित 18 लोकसभाओं में से पांच बार लोकसभा में एक भी मुस्लिम महिला सदस्य नहीं रही।

    एक और चौंकाने वाला तथ्य यह है कि लोकसभा के एक कार्यकाल में मुस्लिम महिला सदस्यों की संख्या कभी भी चार के आंकड़े को पार नहीं कर पाई। पांच दक्षिणी राज्यों केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने अभी तक एक भी मुस्लिम महिला सांसद को लोकसभा नहीं भेजा है।

    18 मुस्लिम महिलाओं में एक प्रथम महिला भी हैं- बेगम आबिदा अहमद जो देश के पांचवें राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की पत्नी थीं। उन्होंने 1977 में अहमद के निधन के चार वर्ष बाद 1981 में बरेली से लोकसभा उपचुनाव लड़ा था। वर्तमान लोकसभा में केवल एक मुस्लिम महिला सांसद हैं, वह हैं सपा की इकरा हसन चौधरी। इस पुस्तक की प्रस्तावना कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने लिखी है।

    लोकसभा के लिए निर्वाचित मुस्लिम महिलाएं

    Name Party Tenure
    मोफिदा अहमद कांग्रेस 1957
    जोहराबेन अकबरभाई चावड़ा कांग्रेस 1962-67
    मैमूना सुल्तान कांग्रेस 1957-67
    बेगम अकबर जहां अब्दुल्ला नेशनल कॉन्फ्रेंस 1977-79, 1984-89
    रशीदा हक कांग्रेस 1977-79
    मोहसिना किदवई कांग्रेस 1977-89
    आबिदा अहमद कांग्रेस 1981-89
    नूर बानो कांग्रेस 1996, 1999-2004
    रुबाब सईदा सपा 2004-09
    महबूबा मुफ्ती पीडीपी 2004-09, 2014-19
    तबस्सुम हसन सपा, लोक दल, बसपा 2009-14
    मौसम नूर तृणमूल कांग्रेस 2009-19
    कैसर जहां बसपा 2009-14
    ममताज संघमिता तृणमूल कांग्रेस 2014-19
    सजदा अहमद तृणमूल कांग्रेस 2014-24
    रानी नाराह कांग्रेस 1998-2004, 2009-14
    नुसरत जहां रूही तृणमूल कांग्रेस 2019-24
    इकरा हसन सपा 2024-वर्तमान

    यह भी पढ़ें- मुस्लिमों के लिए कैसे फायदेमंद है वक्फ बिल में संशोधन? अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने दिए हर सवाल के जवाब

    comedy show banner
    comedy show banner