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    Bhopal: पिता मैकेनिक थे, बेटी ने इंजीनियर बनकर बड़ी की लकीर; अब बनेंगी DSP

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 11:04 PM (IST)

    भोपाल की मुस्कान सोनी जिनके पिता मोटर मैकेनिक थे मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 23वां स्थान प्राप्त कर डीएसपी बनीं। राज्य पुलिस सेवा में उन्होंने 10वां स्थान हासिल किया। मुस्कान ने इंजीनियरिंग के बाद समाज के लिए कुछ करने की ठानी और राज्य सेवा परीक्षा की तैयारी की।

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    मैकेनिक की बेटी मुस्कान बनी डीएसपी (फोटो सोर्स- जेएनएन)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भोपाल के संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) निवासी मुस्कान सोनी ने साबित कर दिया है कि संकल्प को परिवार का प्रोत्साहन मिले तो सफलता मिलकर रहती है। पिता मोटर मैकेनिक थे तो बेटी ने इंजीनियरिंग की राह चुनी।

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    इंजीनियर बनी तो समझ में आया कि उसे कुछ ऐसा करना है जिसका असर समाज पर भी पड़े। उसने राज्य सेवा परीक्षा की राह चुनी। अब मुस्कान का चयन उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) पद पर हुआ है। मुस्कान ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा में 23 वां स्थान हासिल किया है।

    हासिल किया 10वां स्थान

    राज्य पुलिस सेवा की रैंकिंग में उसका स्थान 10वां है। कस्बे के एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार की मुस्कान शुरू से ही मेधावी रही है। मुस्कान के पिता मोहन सोनी मैकेनिक हैं। मां ज्योति सोनी गृहिणी है। मध्यम वर्गीय परिवार के बावजूद माता, पिता ने मुस्कान की प्रतिभा को हमेशा प्रोत्साहित किया।

    उसकी प्रारंभिक शिक्षा साधु वासवानी स्कूल में हुई। वहां उसने 12वीं की प्रावीण्य सूची में अपना नाम दर्ज कराया था। बाद में उसने एमएसीटी से इंजीनियरिंग की। कुछ समय गुजरात की एक कंपनी में टीसीजी इंजीनियर के रूप में काम किया लेकिन उसकी इच्छा लोक सेवा की थी। उसने राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा की राह चुनी।

    इस साल उसकी मेहनत सफल रही और उसे मुकाम मिल गया। मुस्कान के डीएसपी बनने की खबर से मां ज्योति, पिता मोहन सोनी, बहन महक, राधिका एवं भाई कमलेश सोनी बहुत खुश हैं। उनके परिवार का वह सपना पूरा हुआ है जो कभी मुस्कान की आंखों में उतरा था।

    12 से 14 घंटे पढ़ाई, मोबाइल से दूरी

    मुस्कान सोनी ने कहा कि लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ा जाए तो सफलता निश्चित है। मैंने 12 से 14 घंटे पढ़ाई की। मोबाइल से सुरक्षित दूरी रखी। पहले मुझे इंजीनियर बनने की इच्छा थी वह पूरी हुई लेकिन मन में सिविल सेवा में बड़ा पद पाने की ठान ली थी। अब यह इच्छा पूरी हो गई।

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