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    दूसरे पति की गवाही से पहले पति के खिलाफ 17 साल पुराना केस हारी महिला, कोर्ट का मेंटेनेंस से इनकार

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 08:24 PM (IST)

    मुंबई में एक महिला 17 साल पुराना गुजारा भत्ता केस हार गई। उसके दूसरे पति ने अदालत में गवाही दी कि वे कानूनी रूप से शादीशुदा हैं। महिला ने 2009 में पहल ...और पढ़ें

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    17 साल पुराना केस हारी महिला। (प्रतीकात्मक)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां दूसरे पति की गवाही से महिला पहले पति के खिलाफ 17 साल पुराना केस हार गई। महिला ने 2009 में एक मुकदमा दायर किया जिसमें पति पर सालों तक टॉर्चर करने का आरोप लगाया और उससे गुजारा भत्ते की मांग की और दावा किया उसे घर से निकाल दिया गया है।

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    कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला देते हुए 3200 रुपए महीने प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। ये आदेश कोर्ट के फाइनल आदेश तक लागू था।

    जब आया केस में नया मोड़

    इस केस में नया मोड़ तब आया जब महिला के दूसरे पति ने कोर्ट में आकर ये कबूल किया कि उन दोनों ने कानूनन तौर पर शादी की है। उसने बताया कि पहले पति के तलाक के बाद उन दोनों ने शादी की। पति की गवाही आते ही बचाव पक्ष की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि अगर महिला शादीशुदा है तो वो गुजारे भत्ता कैसे मांग सकती है। वह मेंटेंनेंस की हकदार नहीं है।

    बोरीबली कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलील को स्वीकार करते हुए फैसला सुनाया कि मौजूदा पति द्वारा शादी की पुष्टि करने के बाद वह मेंटेनेंस की हकदार नहीं है।

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