मुंबई की 'लाइफलाइन' पर लगे अश्लील पोस्टर, भारी विरोध प्रदर्शन के बीच रेल मंत्री को लिखी चिट्ठी
मुंबई की लोकल ट्रेनों में अश्लील पोस्टर लगने से यात्री भड़क गए हैं और उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। कल्याण-कसारा-कर्जत रेलवे प्रवासी संघ और DRUCC ने इसका कड़ा विरोध किया है। उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर इसे शर्मनाक और सार्वजनिक स्थानों पर यात्रियों का अपमान बताया है। उनका कहना है कि ऐसे विज्ञापन सामाजिक नियमों के खिलाफ हैं और प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि इन ट्रेनों में सभी आयु वर्ग के लोग सफर करते हैं।

मुंबई की लोकल ट्रेन पर लगे पोस्टर। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मायानगरी मुंबई की लोकल ट्रेनों को पूरे शहर की लाइफलाइन कहा जाता है। हर दिन लाखों की संख्या में लोग इन ट्रेनों से सफर करते हैं। मगर, इस बार मुंबई लोकल्स गलत वजहों से चर्चा में है और इसकी वजह है लोकल ट्रेनों पर लगे अश्लील पोस्टर्स।
मुंबई की लोकल ट्रेनों पर लगे यह पोस्टर देखकर यात्री बुरी तरह से भड़क गए हैं और उन्होंने इसे जल्द से जल्द हटाने की मांग की है।
विरोध प्रदर्शन तेज
कल्याण-कसारा-कर्जत रेलवे प्रवासी संघ और डिविजनल रेलवे यूजर्स कंस्लटेटिव कमेटी (DRUCC) के सदस्यों ने लोकल ट्रेन पर लगे अश्लील विज्ञापन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने इसे शर्मनाक करार देते हुए कहा कि लाखों की संख्या में लोग हर दिन इन ट्रेनों से सफर करते हैं, जिसमें स्कूल और कॉलेज के बच्चों समेत वरिष्ठ नागरिक और महिलाएं भी शामिल होती हैं।
कल्याण-कसारा-कर्जत रेलवे प्रवासी संघ के अध्यक्ष राजेश घनघव का कहना है, "क्या सामाजिक नियमों को ताक पर रखकर कमर्शियल इनकम के नाम ऐसा करना चाहिए?"
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रेल मंत्री को लिखा पत्र
DRUCC ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखते हुए भी यह मुद्दा उठाया है। उन्होंने लिखा, "विज्ञापन के नाम पर इस तरह की चीजों को सार्वजनिक तौर पर दिखाना, यात्रियों का अपमान करने जैसा है। यह न सिर्फ भद्दा है, बल्कि लापरवाही को भी दर्शाता है।"
एसोसिएशन के अनुसार,
हम विज्ञापन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसमें कुछ मानक तय होने चाहिए। यह सिर्फ एक पोस्टर की बात नहीं है, यह दर्शाता है कि प्रशासन सार्वजनिक जगहों पर ऐसी चीजों की अनुमति कैसे दे सकता है?
क्या है पूरा मामला?
यह मामला कसारा-CSMT लोकल ट्रेन का है, जो शाम 6:15 बजे कसारा पहुंची। DRUCC के सदस्य श्याम उबाले और लोकल ट्रेन के प्रतिनिधित्व युवराज पंडित ने इस विज्ञापन के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
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