बच्चों को खांसी नहीं होने पर भी कोल्ड्रिफ सीरप लिखता था डॉ. सोनी, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
मध्य प्रदेश में जहरीली कोल्ड्रिफ कफ सीरप से 24 बच्चों की मौत के मामले में डॉ. प्रवीण सोनी पर आरोप हैं कि उन्होंने बिना खांसी वाले बच्चों को भी यह दवा लिखी। एक बच्चे के पिता ने बताया कि दवा के बाद उसके बेटे की मौत हो गई। छिंदवाड़ा में एक और बच्ची की मौत हो गई, जिससे मरने वालों की संख्या 24 हो गई। डॉक्टर पर छोटे बच्चों को दवा लिखने और कमीशन लेने का भी आरोप है।

कोल्ड्रिफ पीने से 24 बच्चों की मौत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विषाक्त कोल्ड्रिफ कफ सीरप के कारण 24 बच्चों की मौत के मामले में डा. प्रवीण सोनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्वजन का कहना है कि डॉ. सोनी ने उन बच्चों को भी यह दवा लिखी, जिन्हें खांसी नहीं थी।
विकास यदुवंशी के पिता प्रभुदयाल ने बताया कि उनके बेटे को खांसी नहीं होने के बावजूद डॉ. सोनी ने कोल्ड्रिफ लिखा। इसके बाद विकास की तबीयत बिगड़ गई और सात दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई। प्रभुदयाल ने यह भी बताया कि जब उपचार के लिए पैसे कम पड़े तो डॉ. सोनी ने उनका पर्चा रख लिया और जेवर गिरवी रखने के लिए कहा।
कोल्ड्रिफ पीने से 24 बच्चों की मौत
उधर, बुधवार सुबह छिंदवाड़ा जिले के चौरई क्षेत्र की साढ़े तीन साल की अंबिका विश्वकर्मा की नागपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। कोल्ड्रिफ पीने से छिंदवाड़ा, बैतूल और पांढुर्णा के 24 बच्चों की मृत्यु हो चुकी है। अब भी दो बच्चे नागपुर के अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
अंबिका के स्वजन ने बताया कि बच्ची को वे 14 सितंबर को नागपुर ले गए थे। वहां डाक्टरों ने जांच में किडनी फेल होने की पुष्टि की थी।डा. प्रवीण सोनी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने तीन माह के बच्चों को भी कफ सीरप लिखा, जबकि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की गाइडलाइन में चार वर्ष से छोटे बच्चों को यह दवा नहीं लिखने का स्पष्ट निर्देश है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉ. सोनी को इस कफ सीरप पर 10 प्रतिशत कमीशन मिल रहा था।
तमिलनाडु से केमिकल एनालिस्ट को लेकर छिंदवाड़ा पहुंची पुलिस
एसआइटी बुधवार को तमिलनाडु से गिरफ्तार कोल्डि्रफ सीरप बनाने वाली श्रीसन फार्मा के केमिकल एनालिस्ट माहेश्वरी को लेकर छिंदवाड़ा पहुंची। उसे रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। माहेश्वरी की जिम्मेदारी थी कि वह यह सुनिश्चित करे कि कोल्ड्रिफ बनाने के लिए खरीदा गया प्रोपेलीन ग्लाइकाल औषधीय उपयोग का था या औद्योगिक।
जांच में पता चला है कि कोल्डि्रफ में 48.6 प्रतिशत डायथिलीन ग्लाइकाल (डीईजी) था, जो बच्चों की मौत का कारण बना। बता दें कि एसआइटी ने कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन को भी गिरफ्तार किया है। वह 20 अक्टूबर तक के लिए पुलिस हिरासत में है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।