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    लव जिहाद में फंसी 283 हिंदू लड़कियां - 73 नाबालिग, आरोपी गिरोह को मिल रही करोड़ों की फंडिंग; चौंका रही है रिपोर्ट

    Updated: Thu, 07 Aug 2025 05:30 PM (IST)

    मध्य प्रदेश विधानसभा में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि मालवा-निमाड़ अंचल में सर्वाधिक हिंदू लड़कियां लव जिहाद का शिकार हुई हैं। लव जिहाद के 283 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 73 नाबालिग हैं। यह वही क्षेत्र है जहां सिमी जैसे आतंकी संगठनों की जड़ें मजबूत रही हैं। सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए ...

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    MP में लव जिहाद के पीछे आतंकी साजिश? जागरण ग्राफिक्‍स

    धनंजय प्रताप सिंह, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश विधानसभा में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि प्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल में सर्वाधिक हिंदू लड़कियां लव जिहाद का शिकार हुईं। ये वही मालवांचल है, जहां सिमी जैसे आतंकी इस्लामिक संगठन ने अपनी जड़ें मजबूत कर ली थीं।

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    इसका आशय साफ है कि मध्य प्रदेश में हिंदू संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए लव जिहाद का खेल खेलने के पीछे सिमी और अन्य आतंकी संगठनों का नेटवर्क हो सकता है। वैसे भी दुनिया भर के आतंकी संगठनों ने भारत के विरुद्ध जिहाद छेड़ा हुआ है, ऐसे में लव जिहाद भी इसका एक रूप हो सकता है और यह पूरे देश में चल रहा है।

    मध्य प्रदेश में हाल ही में हिंदू युवतियों को नशे (ड्रग्स) की लत लगाकर दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग का मामला भी चर्चा में है। इसी कड़ी में अब एमडी ड्रग्स बेचने वालों का अंतरराष्ट्रीय गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा है। लव जिहाद के लिए लाखों-करोड़ों की फंडिंग भी यही संकेत दे रही है।

    राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम ने भी लव जिहाद के पीछे संगठित साजिश की आशंका जताई है। इन तथ्यों से बल मिलता है कि अर्बन नक्सलियों (माओवादी) की तरह शहरी क्षेत्रों में भी सिमी का नेटवर्क सफेदपोश लोगों ने खड़ा कर लिया है। यही लोग लव जिहाद को अंजाम दे रहे हैं।

    क्‍या कहते हैं आंकड़े?

    विधानसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट को देखा जाए तो मध्य प्रदेश में लव जिहाद के 283 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें 18 वर्ष से कम उम्र की 73 लड़कियां लव जिहाद की शिकार हुईं। मध्य प्रदेश के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज 283 प्रकरणों में से 173 प्रकरण न्यायालय में चल रहे हैं। लव जिहाद के सर्वाधिक प्रकरण मालवा निमाड़ अंचल के पुलिस थानों में दर्ज किए गए।

    पहले नंबर पर इंदौर तो दूसरे नंबर पर भोपाल है। यहां सर्वाधिक लड़कियां लव जिहाद की शिकार हुईं। इन दोनों ही शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू है। बावजूद इसके लड़कियों को आरोपित लव जिहाद का शिकार बनाते रहे।

    इंदौर नगरीय क्षेत्र के पुलिस थानों में लव जिहाद के 55 प्रकरण दर्ज किए गए। लव जिहाद के प्रकरणों को रोकने के लिए मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 को 27 मार्च 2021 से लागू किया गया है।

    सरकार ने क्‍या एक्शन लिया?

    इस बीच राज्य विधानसभा में मंगलवार को भाजपा विधायक आशीष गोविंद शर्मा के एक प्रश्न के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया, ''वर्ष 2020 से लेकर अब तक हुए लव जिहाद के प्रकरणों में प्रदेश के सभी जिलों में असुरक्षित बालिकाओं/महिलाओं को लक्ष्य बनाकर उनका शोषण करने एवं भय या दबाव पूर्वक मतांतरण कराने की घटनाओं की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने 4 मई 2025 को राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। पीड़ित लड़कियों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है। इस मामले को सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए।'' 

    लव जिहाद के पीछे की क्‍या है कहानी?

    दरअसल, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के गढ़ रहे बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन आदि जिलों से दो वर्ष पूर्व भी ऐसी खबर आई थी कि आईएसआईएस यहां अपना नेटवर्क तैयार कर रहा था।

    संगठन की तरफ से ऐसे युवाओं की तलाश की जाती थी, जो सिमी की विचारधारा से प्रभावित रहे हैं। उन्हें बरगलाकर संगठन से जोड़ा जाता था। इसके बाद युवाओं को चोरी-छिपे प्रशिक्षण दिया जाता था, जिससे उन्हें कट्टर बनाया जा सके। ऐसे युवाओं को हिंसक गतिविधियों के लिए तैयार करने की योजना थी जो कम पढ़े-लिखे हों।

    दो साल में कैसे बन गया नेटवर्क?

    वर्ष 2023 में ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मध्य प्रदेश आतंकवाद विरोधी दस्ता (एटीएस) के साथ संयुक्त कार्रवाई में जबलपुर से देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपित मध्य प्रदेश में आईएसआईएस का बड़ा नेटवर्क तैयार करने से लेकर हिंसक गतिविधियां करने की तैयारी में थे। ये आरोपित भारत को 2050 तक मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाह रहे थे।

    ऐसा लगता है कि दो वर्ष में इन्होंने अपना नेटवर्क अन्य राज्यों में भी खड़ा कर लिया है। जबकि मध्य प्रदेश में वर्ष 2004 में सिमी का नेटवर्क सामने आया था। खंडवा इसका गढ़ था। प्रदेश में सिमी की जमीन पर ही जेएमबी, पीएफआई, हिज्ब-उत-तहरीर और उसके बाद आईएसआईएस की सक्रियता सामने आई है।

    माना जा रहा है कि पुलिस के निशाने पर आने के बाद सिमी की विचारधारा से प्रभावित लोग ही दूसरे संगठनों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से काम कर रहे हैं। जाहिर है, लव जिहाद की यह साजिश भी इन्हीं देश विरोधी संगठनों की हो सकती है।