श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़े सभी मामलों की एक साथ सुनवाई का रास्ता साफ, SC से नहीं मिली मस्जिद कमेटी को राहत; याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू वादी की ओर से श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह मामले में लंबित सभी मुकदमों को एक साथ संलग्न कर साथ सुनवाई करने की मांग स्वीकार करते हुए सभी मामलों को एक साथ संलग्न करने का आदेश दिया था। मस्जिद कमेटी ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में रिकॉल अर्जी यानी आदेश वापस लेने की मांग अर्जी दाखिल की थी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मस्थान शाही मस्जिद ईदगाह विवाद मामले में सारी 15 याचिकाएं एक साथ संलग्न कर साथ सुनवाई करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका मंगलवार को निपटा दी। सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को हाई कोर्ट में लंबित आदेश वापस लेने वाली अर्जी पुनर्जीवित करने की छूट देते हुए मस्जिद कमेटी की इलाहाबाद हाईकोर्ट के गत 11 जनवरी के आदेश को चुनौती देने वाली विशेष अनुमति याचिका निपटा दी।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दिपांकर दत्ता की पीठ ने मंगलवार को मस्जिद कमेटी की याचिका निपटाते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में ही आदेश वापस लेने की मांग अर्जी दाखिल कर रखी है, जरूरत पड़ने वह अपनी अर्जी को पुनर्जीवित कर सकता है। कोर्ट ने उस अर्जी को पुनर्जीवित करने की छूट देते हुए कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की विशेष अनुमति याचिका निपटा दी।
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मस्जिद कमेटी के वकील ने कोर्ट को बताया था कि उनका आदेश को वापस लेने की अर्जी उच्च न्यायालय में लंबित है। साथ ही अनुरोध किया कि पीठ उस लंबित याचिका को एक निश्चित तिथि पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दे। लेकिन कोर्ट ने ऐसा आदेश देने से इनकार कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिन्दू वादी की ओर से श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही मस्जिद ईदगाह मामले में लंबित सभी मुकदमों को एक साथ संलग्न कर साथ सुनवाई करने की मांग स्वीकार करते हुए सभी मामलों को एक साथ संलग्न करने का आदेश दिया था।
मस्जिद कमेटी ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में रिकॉल अर्जी यानी आदेश वापस लेने की मांग अर्जी दाखिल की थी। इसके बाद मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

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