'10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों नाम पर हो रही था 4.3 लाख करोड़ का फर्जीवाड़ा', PM मोदी बोले हमने बंद की लूट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर चार लाख 30 हजार करोड़ रुपये बचाने का दावा किया। प्रधानमंत्री कर्तव्य पथ पर बने पहले कर्तव्य भवन का उद्घाटन के अवसर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने को सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए 2047 तक देश को गरीबी से पूरी तरह मुक्त करने का आह्वान किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले 11 सालों में सरकार के कामकाज को संवेदनशील, पारदर्शी और नागरिक केंद्रित बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों की पहचान कर चार लाख 30 हजार करोड़ रुपये बचाने का दावा किया।
कर्तव्य भवन के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री कर्तव्य पथ पर बने पहले कर्तव्य भवन का उद्घाटन के अवसर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने को सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए 2047 तक देश को गरीबी से पूरी तरह मुक्त करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले एक दशक में आम लोगों के जीवन के सुगम बनाने, सरकारी योजनाओं में वंचितों को वरियता देने और महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। इसके साथ ही उन्होंने सरकारी की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने और सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए उठाए गए कदमों का हवाला दिया।
10 करोड़ ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई, जिनका कभी जन्म ही नहीं हुआ
उन्होंने कहा कि भारत की जनधन-आधार-मोबाइल(जैम) की चर्चा पूरी दुनिया में होती है। इसका इस्तेमाल कर 10 करोड़ ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई, जिनका कभी जन्म ही नहीं हुआ था। इनके नाम भेजे जाने वाले 4.3 लाख करोड़ रुपये बिचौलियों के पास जा रहे थे, जो अब देश के विकास के काम में लग रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के साथ आजाद हुए कई देशों के विकास में तेजी से आगे निकल जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि अब इस स्थिति को बदलने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि अब समस्याओं को आने वाली पीढ़ी पर छोड़ा नहीं जाएगा।
25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकले
इस सिलसिले में उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का हवाला दिया और 2047 में विकसित भारत के निर्माण के साथ गरीबी मुक्त भारत बनाने की जरूरत पर बल दिया।
पैसा और समय की बर्बादी भी रूकेगी
कर्तव्य भवन को 21वीं सदी के भारत के लिए 21वीं सदी की जरूरत के हिसाब से बनी इमारत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे सरकार की कार्य क्षमता में बढ़ने के साथ ही पैसा और समय की बर्बादी भी रूकेगी।
उन्होंने कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी अधिकांश मंत्रालय ब्रिटिश काल में बनी इमारतों में चल रहे थे, जिनके रखरखाव में ही सालाना लगभग 1500 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा था। इसी तरह से 100 से अधिक मंत्रालय अलग-अलग भवनों में चल रहे थे, जिनमें कई किराये पर लिए गए थे।
सभी मंत्रालयों को एक जगह लाने में मदद मिलेगी
यही नहीं, कामकाज के सिलसिले में आठ से 10 हजार कर्मचारियों को एक से दूसरे मंत्रालयों में आना जाना पड़ता था। कर्तव्य पथ के दोनों ओर सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कर्तव्य भवनों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इससे सभी मंत्रालयों को एक जगह लाने में मदद मिलेगी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।