'हिंसा पर हो रही संविधान की जीत', मानसून सत्र शुरू होने से पहले पीएम मोदी क्यों कही ये बात?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के मानसून सत्र को विजयोत्सव बताया और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार की तत्परता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बम और बंदूक पर संविधान की जीत हो रही है माओवाद प्रभावित क्षेत्र कम हो रहा है और रेड जोन हरित विकास क्षेत्र में बदल रहा है। पीएम ने सशस्त्र बलों की सराहना की और कहा कि दुनिया ने उनकी क्षमता देखी है।

पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर अपेक्षित चर्चा के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन का रुख तय करते हुए कहा कि यह सत्र विजयोत्सव की तरह है। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि सभी सांसद इस भावना को एक स्वर में अभिव्यक्त करेंगे।
सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में अपनी अपनी पारंपरिक टिप्पणी में मोदी ने कई सकारात्मक उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि बम और बंदूक पर संविधान की जीत हो रही है। माओवाद प्रभावित इलाका तेजी से कम हो रहा है और रेड जोन अब हरित विकास क्षेत्र में बदल रहा है।
'देश के लिए गर्व वाला सत्र है'
प्रधानमंत्री ने कहा, यह मानसून सत्र देश के लिए बेहद गर्व वाला सत्र है। यह राष्ट्र के लिए विजय उत्सव की तरह है। दुनिया ने सशस्त्र बलों की क्षमता देखी। उन्होंने अपने लक्ष्य का शत प्रतिशत हासिल किया। अर्थव्यवस्था को भरपूर बारिश से बढ़ावा मिल रहा है। बीते एक दशक में शांति और प्रगति का माहौल रहा, जबकि महंगाई दर कम रही है। पिछले 10 वर्षों की तुलना में जलाशय का स्तर तीन गुना हो गया है, जिससे अर्थव्यवस्था को काफी लाभ होगा।
विपक्षी गठबंधन आइएनडीआईए पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की मांग को लेकर एकजुट हो रहा है। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर भी विपक्ष बहस कराना चाहता है।
'राष्ट्रहित में किए कामों के लिए सभी सांसदों का धन्यवाद'
इस संदर्भ में पीएम ने सैन्य अभियान में शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की भी सराहना की, जिन्होंने आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए दुनिया के विभिन्न देशों का दौरा किया था।
पीएम ने कहा कि मैं राष्ट्रीय हित में किए गए इस काम के लिए इन सभी सांसदों और पार्टियों की प्रशंसा करना चाहता हूं। विभिन्न राजनीतिक दलों के अलग-अलग एजेंडे हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्रीय हित के मामलों में मन की एकता होनी चाहिए।
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