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    अभद्र भाषा या व्यक्तिगत हमले... इस्तीफे से पहले जगदीप धनखड़ ने सियासी दलों से कही थी ये बात, सांसदों को दी सलाह

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 10:29 PM (IST)

    राज्यसभा में मानसून सत्र के पहले दिन सभापति जगदीप धनखड़ की राष्ट्रहित में काम करने की सलाह विपक्ष के हंगामे के कारण बेअसर रही। उन्होंने राजनीतिक दलों से कटुता भूलकर समान लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सौहार्द बनाए रखने का आग्रह किया था। धनखड़ ने कहा कि टकराव राजनीति का सार नहीं है और संवाद ही आगे बढ़ने का रास्ता है।

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    जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून सत्र के पहले दिन सभापति जगदीप धनखड़ की सियासी दलों से कटुता और खींचतान को भूलकर समान लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए राष्ट्रहित में काम करने की सलाह बेअसर रही। राज्यसभा में उनकी इस सलाह के कुछ ही देर बाद विपक्ष ने नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया है।

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    'टकराव राजनीति का सार नहीं'

    दरअसल हुआ यह था कि सभापति धनखड़ ने सत्र के शुरू से होने पहले सदन को संबोधित करते हुए कहा था कि एक समृद्ध लोकतंत्र निरंतर कटुता को बर्दाश्त नहीं कर सकता। सियासी तनाव कम होना चाहिए, क्योंकि टकराव राजनीति का सार नहीं है।

    सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करते हुए सभापति धनखड़ ने कहा था कि राजनीतिक दल अलग-अलग तरीकों से समान लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास कर सकते हैं लेकिन देश में कोई भी राष्ट्र के हितों का विरोध नहीं करता। मैं सभी दलों से आग्रह करता हूं कि वे सौहार्द और आपसी सम्मान को बढ़ावा दें।

    उन्होंने कहा, टेलीविजन या अन्यत्र नेताओं के विरुद्ध अभद्र भाषा या व्यक्तिगत हमलों से बचें। ऐसा व्यवहार हमारे परिपाटी के खिलाफ है। संवाद और चर्चा ही आगे बढ़ने का रास्ता है, संघर्ष नहीं। आंतरिक लड़ाई हमारे दुश्मनों को मजबूत करती है और हमें विभाजित करने का आधार प्रदान करती है।

    'रचनात्मक राजनीति में हों संलग्न'

    उन्होंने कहा कि भारत की ऐतिहासिक शक्ति संवाद, संवाद और विचार-विमर्श में निहित है, जो संसद के भीतर दिखाई देना चाहिए। मैं सभी राजनीतिक दलों, सत्ता पक्ष और विपक्ष, से आग्रह करता हूं कि वे भारत की व्यापक प्रगति के लिए रचनात्मक राजनीति में संलग्न हों। मुझे विश्वास है कि यह मानसून सत्र उत्पादक और सार्थक होगा। सभापति धनखड़ ने यह बाते तब कहीं है जब पिछले कई सत्रों से राज्यसभा में हंगामे की स्थिति बनी हुई है।

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